Success: 150 बार हुआ आईडिया फेल, फिर भी नहीं मानी हार, बना दी कंपनी

Success: सफलता का राज संघर्ष में छिपा होता है. यह बात कहने में तो बहुत आसान है, लेकिन इसे साबित करने में जिंदगी निकल जाती है. ऐसा ही कुछ हुआ हर्ष जैन के साथ. उन्‍होंने एक आइडिया पर बिजनेस करने की सोची, लेकिन शुरू करने के लिए फंड नहीं थे. पैसे जुटाने के लिए हर्ष ने कई दरवाजो खटखटाए. उन्‍होंने 10-20 नहीं बल्कि पूरे 150 वेंचर्स के पास जाकर अपना आइडिया सुनाया और निवेश करने की गुहार लगाई. सभी ने उनके आइडिया को रिजेक्‍ट कर दिया.

हर्ष जैन की सफलता इसलिए भी बहुत मायने रखती है कि उन्‍होंने 150 बार रिजेक्‍ट होने के बावजूद हार नहीं मानी और न ही अपने आइडिया को बदला. आखिरकार उन्‍हें एक निवेशक मिला और हर्ष का आइडिया अब एक स्‍टार्टअप के रूप में लोगों के सामने था. हर्ष का हौसला और भरोसा रंग लाया. आज उनकी कंपनी का मार्केट वैल्‍यू 64 हजार करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा है.

क्‍या था हर्ष का आइडिया
हर्ष ने बताया था कि साल 2012 में उन्‍होंने फैंटेसी गेम का आइडिया बनाया और इस पर एक ऐप बनवाने के लिए फंड जुटाने की कोशिश की. हर्ष ने कहा, हम अपना आइडिया लेकर एक-दो या 10-20 नहीं बल्कि 150 लोगों के पास गए, लेकिन सभी ने रिजेक्‍ट कर दिया. आखिर उन्‍हें फंडिंग मिली और ड्रीम 11 (Dream11) नाम से उनका फैंटेसी गेमिंग ऐप आज बड़ी कंपनी में तब्‍दील हो चुका है. इस ऐप पर आज क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल सहित तमाम तरह के गेम खेले जाते हैं.

 

कैसे शुरू हुआ उनका सफर
बात साल 2008 की है, जब पहली बार देश में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) हुआ. हर्ष को आइडिया आया और अपने पार्टनर भावित के साथ मिलकर ड्रीम11 प्रोजेक्‍ट तैयार किया. जब कहीं से भी उन्‍हें फंडिंग नहीं मिली तो दोनों दोस्‍तों ने मिलकर खुदसे पैसे लगाकर इसे शुरू किया. साल 2014 में पहली बार ड्रीम11 शुरू हुआ और इसी साल यूजर की संख्‍या 10 लाख पहुंच गई. 2018 तक यूजर्स की संख्‍या बढ़कर 4.5 करोड़ हो गई, जो अभी करीब 20 करोड़ के आसपास है.

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