नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और कोचिंग टीचर्स नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर कई आरोप लगा रहे हैं. कई मामलों में नीट रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है जिसमें पेपर लीक की आशंका, पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना, बिना नोटिफिकेशन ग्रेस मार्क्स देना, मार्क्स और रैंक में गड़बड़ी आदि शामिल हैं.
नीट यूजी गड़बड़ी मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अहम बैठक की है. नीट रिजल्ट को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब देने के लिए एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने कई सवालों को जवाब दिए हैं. बैठक में पेपर लीक की खबर से लेकर ग्रेस मार्क्स और पहली बार इतनी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना आदि शामलि रहे. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एनटीए निदेशक ने यह भी कहा कि हमने सभी चीजों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया है और परिणाम जारी किए हैं. 4750 केंद्रों में से यह समस्या 6 केंद्रों तक सीमित थी. और 24 लाख छात्रों में से केवल 1600 छात्रों को इस समस्या का सामना करना पड़ा. पूरे देश में इस परीक्षा की अखंडता से समझौता नहीं किया गया. कोई पेपर लीक नहीं हुआ. पूरी परीक्षा प्रक्रिया बहुत पारदर्शी रही है.
दरअसल, नीट यूजी रिजल्ट जारी होने के बाद से स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और कोचिंग टीचर्स नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर कई आरोप लगा रहे हैं. कई मामलों में नीट रिजल्ट में गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है जिसमें पेपर लीक की आशंका, पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स का टॉप करना, बिना नोटिफिकेशन ग्रेस मार्क्स देना, मार्क्स और रैंक में गड़बड़ी आदि शामिल हैं. हालांकि एनटीए ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिये इनके पीछे की वजह बताई है लेकिन स्टूडेंट्स और एक्सपर्ट्स उससे संतुष्ट नहीं है.
नीट मुद्दे पर एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने कहा, “हमारी कमेटी की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी डिटेल्स देखी गईं. उन्हें पता चला कि कुछ एग्जाम सेंटर्स पर समय की बर्बादी हुई और छात्रों को इसके लिए मुआवजा (compensate) दिया जाना चाहिए. समिति ने सोचा कि वे शिकायतों का समाधान कर सकते हैं और छात्रों को मुआवजा दे सकते हैं. इसलिए कुछ छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए.”