IIT : हमारे देश के लोग स्वाद के बहुत शौकीन होते हैं. हर रोज नई नई डिश की तलाश में बने रहते हैं. कई लोग ऐसे हैं, जो हमेशा बाहर खाना खाने के लिए जगह ढूंढते रहते हैं. हालांकि बाहर का खाना सेहत पर काफी असर डालता है, जिससे लोग कई बीमारियों के शिकार भी हो जाते हैं. अगर आप भी बाहर जैसा स्वादिष्ट खाना खाना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए सही साबित हो सकती है. दरअसल IIT से पासआउट छात्र वैभव और अमन ने इसका हल खोज निकाला है, लिहाजा आप अपने घर में ही बाहर जैसा स्वादिष्ट और लजीज खाना खा सकते है.
आईआईटी खड़गपुर से पासआउट छात्र वैभव और अमन ने शेफकार्ट (Chefkart) नाम की एक कंपनी बनाई है, जिसके माध्यम से आप एक शेफ को बुक करके अपने घर में मनपसंद का खाना बनवा सकते हैं. शेफकार्ट कंपनी के संस्थापक और सीईओ वैभव ने बताया कि मैंने बहुत शोध करके इसका हल निकाला है. उन्होंने बताया कि समय की कमी के साथ भागदौड़ वाली जिंदगी में शेफ ढूंढना और रोजाना का खाना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है. शेफकार्ट की मदद से आप अपनी खाना बनाने की समस्या को हल कर सकते हैं. इस कंपनी की शुरुआत मार्च 2020 में की थी. वहीं, वैभव ने कहा कि प्रोफेशनल शेफ के हाथों से बना चटपटा खाना घर पर मिल जाए, तो इससे स्वास्थ्य पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा और स्वादिष्ट खाने का मजा भी ले सकेंगे.
शेफकार्ट कैसे काम करता
वैभव ने बताया कि शेफकार्ट की वेबसाइट या शेफकार्ट ऐप की मदद से प्रोफेशनल शेफ को बुक कर सकते हैं, जो आपके घर आकर समयानुसार, खाना बना सके. दो लोगों का खाना बनाने के लिए 299 रुपये में शेफ को बुक कर सकते हैं. पार्टी या फिर रोजाना खाना बनवाने के लिए भी शेफ को बुला सकते हैं. इसके माध्यम से हर तरह का भोजन जैसे इंडियन, चीनी, महाद्वीपीय, मैक्सिकन से लेकर जापानी खाना बनवाने के लिए बुक कर सकते हैं. साथ ही बताया कि शेफकार्ट के माध्यम से सभी सुविधा लेने के लिए उसी अनुसार भुगतान करना पड़ेगा. यह शेफकार्ट सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में काम करता है. इसके अलावा जल्द ही बेंगलुरु, मुंबई, पुणे जैसे बड़े-बड़े शहरों में इसका विस्तार किया जाएगा. अगर आप भी शेफ बुक करना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट या फिर प्ले स्टोर से शेफकार्ट ऐप को डाउनलोड कर उपयोग कर सकते हैं.
साल में 10 करोड़ की इनकम
वैभव ने बताया कि इस शेफकार्ट के माध्यम से सालाना 10 करोड रुपये की इनकम कर रहे हैं. इस कंपनी की शुरुआत 25 लाख रुपये इनवेस्ट करके की थी. इसके बाद निवेशकों से 30 करोड़ रुपये भी जुटाए हैं. उन्होंने कहा कि अगले दो सालों में उनका लक्ष्य 200 करोड रुपये का है. जबकि आईपीओ लाने के बारे में भी अगले कुछ सालों में सोचेंगे. यह अल्टीमेट टारगेट भी है.