नीट एग्जाम : नीट यूजी 2024 से जुड़ा विवाद हर दिन बढ़ता ही जा रहा है. नीट यूजी में कुछ उम्मीदवारों के हुए गए ग्रेस मार्क्स और ज्यादा टॉपर का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है. वहीं, नीट पेपर लीक को लेकर एनटीए पर कई सवाल उठे. ऐसे ही कई मामलों को लेकर इस साल नीट यूजी की परीक्षा में शामिल हुए स्टूडेंट्स विरोध में सड़कों पर उतर आए. इन सबके चलते यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ. इस बवाल ने इतनी तूल पकड़ ली है कि अब जो लोग इससे नहीं भी जुड़े हैं, वो भी इसके बारे में हर पल की अपडेट जानना चाह रहे हैं. आइए जानते हैं इस परीक्षा से जुड़े कुछ फैक्ट्स…
ये है नीट का फुल फॉर्म
नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट है. नीट यूजी परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी करती है. यह मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यूजी और पीजी दोनों स्तरों पर होता है. एमबीबीएस, बीडीएस जैसे मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन के लिए नीट यूजी परीक्षा पास करना जरूरी है. इस बार 5 मई को पूरे देश में नीट की परीक्षा आयोजित हुई थी, जिसमें कुल 23,33, 297 छात्र शामिल हुए थे.
पहली बार कब हुआ था NEET का आयोजन?
कम ही लोग जानते हैं कि नीट यूजी परीक्षा पहली बार कब हुई थी, तो बता दें कि पहली बार देश में नीट परीक्षा का आयोजन 5 मई 2013 को किया गया था.
NTA से पहले किसे सौंपी गई थी इसकी जिम्मेदारी
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से पहले 2018 तक इस एग्जाम का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) करता था. साल 2019 से इस परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी एनटीए के पास है. एनटीए देश की सभी कई बड़ी परीक्षाओं का आयोजन करता है. ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट (AIPMT), देश के अन्य राज्यों और अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों द्वारा आयोजित होने वालीं प्री-मेडिकल परीक्षाओं की जगह नीट परीक्षा को मान्यता मिली है.