जी हां, सही पढ़ा आपने, बाहुबली पहली फिल्म नहीं है जिसने हिंदी सिनेमाघरों में डब की गई साउथ इंडियन फिल्मों की लहर शुरू की. क्योंकि ऐसी की एक लहर 90 के दशक में भी आई थी जब मणिरत्नम की रोजा सिनेमाघरों में आई थी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पहली दक्षिण भारतीय फिल्म कौन सी थी जिसे हिंदी में डब किया गया और हिंदी फिल्म के रूप में सिनेमाघरों में रिलीज किया गया? यह न तो बाहुबली थी और न ही रोजा. (PC: youtube screenshot)
हिंदी में डब की गई दक्षिण भारतीय फिल्मों की जड़ें 40 के दशक से चली आ रही हैं. पहली साउथ इंडियन फिल्म जिसे हिंदी में डब किया गया था वो मूल रूप से कॉलीवुड से संबंधित है और ये 40 के दशक का है. (PC: youtube screenshot)
साल 1948 में, चंद्रलेखा नाम की फिल्म को शायद ही आज की जनरेशन जानती होगी. उसी साल एक तमिल फिल्म आई, जिसे बहुत पसंद किया गया और सराहा गया था. सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण, फिल्म को हिंदी में डब किया गया और उत्तर भारत में भी रिलीज किया गया था. (PC: youtube screenshot)
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रलेखा लगभग 32 लाख के बजट में बनी थी और हिंदी में लगभग 70 लाख और तमिल में 88 लाख की कमाई की. वास्तव में, इसे विदेशों में पेरिस, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, टोक्यो और रोम में भी रिलीज किया गया था. फिल्म ने ओवरसीज में 52 लाख का कलेक्शन किया था. (PC: youtube screenshot)
चंद्रलेखा के हिंदी वर्जन ने लगभग 118% का मुनाफा दर्ज किया था. यह आंकड़ा एसएस राजामौली की आरआरआर से बेहतर है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर हिंदी में 227 करोड़ की कमाई करते हुए 113% का मुनाफा दर्ज किया था. आपको बता दें कि ये आंकड़े बॉक्स ऑफिस नंबर के अनुमानों और विभिन्न स्रोतों पर आधारित हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर हम इसकी पुष्टि नहीं करते. (PC: youtube screenshot)
अब आपको बताते हैं कि चंद्रलेखा किस बारे में थी? ये फिल्म दो राजकुमारों की कहानी थी जो एक गांव की एक ही महिला से प्यार करते थे जो एक नृत्य मंडली से थी. जहां वो एक राजकुमार से प्यार करने लगती है, वहीं दूसरा उसे किसी भी कीमत पर लुभाने की कोशिश करता है. इसकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है और इस फिल्म का निर्माण प्रसिद्ध जेमिनी स्टूडियोज द्वारा किया गया था. (PC: youtube screenshot)