बॉलीवुड इंडस्ट्री फिल्म के नाम को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है. मेकर्स अक्सर अपनी फिल्मों के नाम कुछ ऐसा रखते हैं कि एक बार में ही लोगों की जुबान पर चढ़ जाए, लेकिन हिंदी सिनेमा के 100 साल के इतिहास में कुछ ऐसी भी मूवीज हैं, जिनके नाम सुनकर आपकी हंसी छूट जाएगी. आप सोचेंगे कि आखिर मेकर्स ने क्या सोचकर फिल्मों का ऐसा नाम रखा था. (फोटो साभार: IMDb)
मटरू की बिजली का मंडोला: इस लिस्ट में पहला नाम इरफान खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म ‘मटरू की बिजली का मंडोला’ का है, जो साल 2013 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म का निर्देशन विशाल भारद्वज ने किया था. हालांकि, ये मूवी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी. (फोटो साभार: IMDb)
भेड़ियों का समूह: ये नाम सुनकर आप जरूर सोच में पड़ जाएंगे कि फिल्म का टाइटल ऐसा कौन रखता है. एमके शंकर के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 1991 में रिलीज हुई थी. इसमें पीएल चौहान, प्रफुल अंबेकर, मंगल ढिल्लन और अन्य सितारों ने काम किया था. (फोटो साभार: IMDb)
अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान: रविंद्र अरोड़ा के निर्देशन में बनी ये फिल्म साल 1997 में आई थी. ये एक फुल कॉमेडी फिल्म थी जिसमें कादर खान, शक्ति कपूर और कुलभूषण खरबंदा जैसे सितारों ने अहम भूमिका निभाई थी. (फोटो साभार: IMDb)
जल बिन मछली नृत्य बिन बिजली: इस फिल्म का नाम तो एक बार में ठीक ढंग से बोला भी नहीं जाएगा. ये मूवी साल 1971 में रिलीज हुई थी, जिसे वी शांताराम ने डायरेक्ट किया था. इसमें संध्या, वत्साला देशमुख और इफ्तेखार जैसे सितारों ने अहम भूमिका निभाई थी. (फोटो साभार: IMDb)
बढ़ती का नाम दाढ़ी: आपको जानकर हैरानी होगी कि ये मूवी किसी और नहीं बल्कि किशोर कुमार की है. इसे उन्होंने डायरेक्ट किया था और लीड रोल भी निभाया था. साल 1974 में रिलीज हुई इस फिल्म के को-राइटर भी किशोर कुमार ही थे. (फोटो साभार: IMDb)
धोती लोटा और चौपाटी: ये फिल्म साल 1975 में रिलीज हुई थी. इसमें जीवन धर, रंजीत बेदी, बिंदू देसाई, हेलेन और सत्येंद्र कपूर ने अहम रोल निभाया था. वहीं, धर्मेंद्र भी इस फिल्म का हिस्सा थे. उन्होंने ‘धोती लोटा और चौपाटी’ में कैमियो किया था. (फोटो साभार: IMDb)