RBI बनाने जा रही है ऑनलाइन बैंक लॉकर, अब सेफ होगा आपका डाटा

RBI : अभी तक आप जब भी कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको एसएमएस के जरिए एक ओटीपी आता है. इस ओटीपी से आप ट्रांजेक्शन का सत्यापन करते हैं और लेनदेन पूरा हो जाता है. ये ओटीपी मैथड यह सुनिश्चित करता है कि ऑनलाइन पेमेंट में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और आपके साथ कोई धांधली न हो. अब आरबीआई इससे भी आगे का एक सेफ्टी मैथड लाने की योजना बना रहा है.

आरबीआई प्रिसिंपल आधारित ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है. इसके जरिए ग्राहकों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए इस संबंध में भी कुछ बाते कहीं.

क्या कहा गवर्नर ने?
शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित करने के लिए एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन जैसे अलग-अलग सिस्टम की शुरुआत की है. इनमें से एसएमएस बेस्ड ओटीपी वैरिफिकेशन मैथड काफी लोकप्रिय हो गया है. इसकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल बेस्ड ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा गया है. आरबीआई इस नए मैथड के बारे में विस्तार से बताने के लिए अलग निर्देश जारी कर सकता है. बता दें कि गवर्नर ने अभी इस मैथड के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है.

ई-रुपये के संबंध बड़ी बात
शक्तिकांत दास ने कहा कि ई-रुपये के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ऑफलाइन ट्रांजेक्शन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही है. अगर यह ट्रायल सफल होता है तो डिजिटल रुपये का ट्रांजेक्शन ऐसे इलाकों में भी हो सकेगा जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी या तो सीमित है या है ही नहीं. आपको बता दें कि डिजिटल रुपये की शुरुआत 2022 के दिसंबर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी. 1 साल बाद दिसंबर 2023 में डिजिटल रुपये से लेनदेन 10 लाख रुपये तक हो गया था.अभी तक आप जब भी कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको एसएमएस के जरिए एक ओटीपी आता है. इस ओटीपी से आप ट्रांजेक्शन का सत्यापन करते हैं और लेनदेन पूरा हो जाता है. ये ओटीपी मैथड यह सुनिश्चित करता है कि ऑनलाइन पेमेंट में किसी तरह की गड़बड़ी न हो और आपके साथ कोई धांधली न हो. अब आरबीआई इससे भी आगे का एक सेफ्टी मैथड लाने की योजना बना रहा है.

आरबीआई प्रिसिंपल आधारित ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क पर काम कर रहा है. इसके जरिए ग्राहकों के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बताते हुए इस संबंध में भी कुछ बाते कहीं.

क्या कहा गवर्नर ने?
शक्तिकांत दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित करने के लिए एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन जैसे अलग-अलग सिस्टम की शुरुआत की है. इनमें से एसएमएस बेस्ड ओटीपी वैरिफिकेशन मैथड काफी लोकप्रिय हो गया है. इसकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रिंसिपल बेस्ड ऑथेंटिकेशन फ्रेमवर्क का प्रस्ताव रखा गया है. आरबीआई इस नए मैथड के बारे में विस्तार से बताने के लिए अलग निर्देश जारी कर सकता है. बता दें कि गवर्नर ने अभी इस मैथड के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है.

ई-रुपये के संबंध बड़ी बात
शक्तिकांत दास ने कहा कि ई-रुपये के लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए ऑफलाइन ट्रांजेक्शन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने की बात कही है. अगर यह ट्रायल सफल होता है तो डिजिटल रुपये का ट्रांजेक्शन ऐसे इलाकों में भी हो सकेगा जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी या तो सीमित है या है ही नहीं. आपको बता दें कि डिजिटल रुपये की शुरुआत 2022 के दिसंबर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हुई थी. 1 साल बाद दिसंबर 2023 में डिजिटल रुपये से लेनदेन 10 लाख रुपये तक हो गया था.

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