देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने हाल में ही अपना तिमाही रिजल्ट जारी किया. इसमें बैंक ने बताया कि उसका मुनाफा 35 फीसदी घट गया है. अब बैंक के चेयरमैन ने इसका खुलासा किया कि आखिर क्यों दिसंबर तिमाही में मुनाफे में इतनी बड़ी गिरावट आई. एसबीआई ने बीते सप्ताह बताया था कि उसका दिसंबर तिमाही में शुद्ध मुनाफा गिरकर 9,164 करोड़ रुपये रह गया है.
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि कर्मचारियों का वेतन और पेंशनधारकों की पेंशन बढ़ाए जाने से बैंक के शुद्ध मुनाफे में बड़ी गिरावट दिखी है. उन्होंने कहा, यदि वेतन और पेंशन के लिए एकमुश्त प्रावधान नहीं होता तो बैंक का शुद्ध लाभ 16,264 करोड़ रुपये रहता. बैंक ने बताया कि चालू वित्तवर्ष के लिए दिसंबर तिमाही में वेतन और पेंशन के लिए 7,100 करोड़ रुपये का एकमुश्त प्रावधान रखा है. खारा का कहना है कि अगर यह प्रावधान नहीं होता तो कुल मुनाफा 16,264 करोड़ पहुंच जाता.
क्यों बढ़ाया वेतन और पेंशन
बैंक और कर्मचारी संघों के साथ हुए समझौतों के तहत 17 फीसदी ऊंचे वेतन का प्रावधान किया गया है. इसमें पेंशन बढ़ाने का भी प्रस्ताव है. कर्मचारियों का यह संशोधित वेतन नवंबर, 2022 से ही प्रभावी माना जाएगा. खारा ने बताया कि 2023-24 की आखिरी तिमाही यानी मार्च तक वेतन वृद्धि का प्रस्ताव बढ़कर 26 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा.
पेंशन के लिए मोटा पैसा
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा कि दिसंबर तिमाही में किए गए कुल 7,100 करोड़ रुपये के प्रावधान में 5,400 करोड़ रुपये पेंशन के लिए हैं. हमारी पेंशन की गणना में कुछ विसंगतियां थीं. वर्ष 2022 से हमारे कुछ कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 40 प्रतिशत और कुछ को 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिल रहा था और तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन है. अब कानूनी स्पष्टता है और इसलिए 5,400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ इसे एक बार में ही निपटाने के बारे में सोचा गया.
1.8 लाख पेंशनभोगियों पर बरसेगा पैसा
खारा ने कहा, हाल में अदालत के आदेश के बाद बैंक ने अपने 1.8 लाख पेंशनभोगियों को 50 प्रतिशत की दर से भुगतान करने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि वेतन वृद्धि के प्रभाव से मार्च के अंत तक बैंक के मुनाफे में 25,990 करोड़ रुपये की कमी आएगी. ऐसा इसलिए है, क्योंकि बैंक ने पहले ही सितंबर, 2023 तक 13,400 करोड़ रुपये और दिसंबर तिमाही में अतिरिक्त 7,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इसके अलावा मार्च तिमाही में 5,490 करोड़ रुपये और रखने होंगे. इस तरह, कुल 25,990 करोड़ का प्रावधान करना होगा, जिसमें ज्यादातर पेंशन पर खर्च किए जाएंगे.