हालांकि, दोनों ही रिजीम के उच्चतम टैक्स स्लैब के लिए वार्षिक आय में अंतर है. ओल्ड टैक्स रिजीम में जहां 10,00,000 से अधिक की वार्षिक आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं, नई टैक्स रिजीम में यह 15,00,000 के बाद लगता है.
भले आपको 30 परसेंट पर्सनल टैक्स बहुत ज्यादा लग रहा हो लेकिन सबसे ज्यादा निजी कर लेने वाले देशों में भारत शीर्ष 10 देशों में भी नहीं है. आइए आपको बताते हैं कि कौन से देश ऐसे हैं जहां सबसे ज्यादा टैक्स लिया जाता है. यह जानकारी वर्ल्ड पॉप्यूलेशन रिव्यू की साइट पर मौजूद आंकड़ों पर आधारित है.
बेल्जियम इस सूची में पहले स्थान पर है. बेल्जियम में 79.5 फीसदी पर्सनल टैक्स लिया जाता है. IMF के अनुसार, इस देश की जीडीपी 524 अरब डॉलर है जबकि यूएन के हिसाब से यहां की जीडीपी 475 अरब डॉलर है.
दूसरे स्थान पर फिनलैंड है. इस देश में कमाई पर 66.75 फीसदी पर्सनल टैक्स लगाया जाता है. फिनलैंड यूरोपीयन यूनियन का हिस्सा है. रूस, नॉर्वे और स्वीडन से इसकी सीमा लगती है. फिनलैंड की जीडीपी आईएफएम के मुताबिक 271 अरब डॉलर है जबकि यूएन के हिसाब से यह 240 अरब डॉलर है.
पुर्तगाल सबसे ज्यादा पर्सनल टैक्स लेने वाले देशों में तीसरे स्थान पर है. यहां 64 फीसदी पर्सनल टैक्स लिया जाता है. यह देश अपने बेहतरीन मौसम के लिए जाना जाता है. यह लोग काफी लोग बाहर से आकर बसते हैं. इनमें केवल पुर्तगाल के पास वाले देश के ही लोग नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग शामिल हैं. आईएमएफ के मुताबिक पुर्तगाल की जीडीपी 228 अरब और यूएन के हिसाब से 206 अरब डॉलर है.
यूनाइटेड किंगडम में 63.25 फीसदी का पर्सनल टैक्स लिया जाता है. यूके में बार से आकर रहने वाले लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. पोलैंड, भारत और पाकिस्तान यहां प्रवासियों के 3 सबसे बड़े समूह हैं. यूके की जीडीपी 2.70 ट्रिलियन डॉलर है.
स्विट्जरलैंड में आय पर पर्सनल टैक्स की अधिकतम सीमा 59.7 फीसदी है. यह पांचवा सबसे ज्यादा पर्सनल टैक्स लेने वाला देश है. आईएमएफ के हिसाब से यहां जीडीपी 741 अरब डॉलर है.