राजस्थान के झुंझुनूं जिले के खेतड़ी उपखंड के नौरंगपुरा ग्राम पंचायत की बगड़ियो की ढाणी निवासी गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहादत के 28 वर्ष बाद समारोहपूर्वक शहीद का दर्जा दिया गया है. इस मौके पर अतिथियों ने वीरांगना कमला देवी का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया. करीब तीन दशक बाद पति को शहीद का दर्जा मिलने पर उनकी पत्नी और अन्य परिजन भावुक हो गए. समारोह में मौजूद लोगों ने भारत माता की जय और शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया अमर रहे के नारे लगाए.
समोराह में पहुंचे बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार ने कहा की शहीद गुरदयाल सिंह बगड़िया की यूनिट की जम्मू कश्मीर के बटमालू में पोस्टिंग थी. 13 अक्टूबर 1996 को हुई आतंकवादियों से मुठभेड़ में गोली लगने से वे घायल हो गए थे. घायल होने के बाद भी उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहादत प्राप्त की. बीएसएफ हेड क्वार्टर दिल्ली ने उन्हें शहीद का दर्जा देते हुए आज बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया है. डिप्टी कमांडेंट ने कहा कि मैं उनकी शहादत को नमन करता हूं.
समारोह की मुख्य अतिथि नीमकाथाना अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शालिनी राज ने कहा की शेखावाटी वीर प्रसूता भूमि है. यहां के बेटे मातृभूमि की रक्षा के लिए हमेशा बलिदान देने के लिए तैयार रहते हैं. इसका उदाहरण क्षेत्र के गांव-गांव में लगी शहीद प्रतिमाएं हैं. उन्होंने कहा कि मैं भी शेखावाटी की बेटी हूं और आज मुझे इस बात का गर्व है की शहादत के 28 वर्ष बाद आखिरकार गुरदयाल सिंह बगड़िया को शहीद कर दर्जा मिला गया है.
समारोह की अध्यक्षता नौरंगपुरा सरपंच कमला भावरिया ने की. इस मौके पर डिप्टी कमांडेंट अजय कुमार और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शालिनी राज ने वीरांगना कमला देवी को उनके पति का बैटल ऑपरेशन कैजुअल्टी सर्टिफिकेट प्रदान किया. इस दौरान वीरांगना कमला देवी सहित वहां मौजूद हर किसी की आंखें नम हो उठी. वहीं ग्रामीण भी अपने लाल की बहादुरी के किस्से सुनकर भावुक हो गए.