टाटा मोटर्स ने सोमवार को कहा कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने कंपनी को दो अलग-अलग लिस्टेड इकाइयों में बांटने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि कमर्शियल व्हीकल बिजनेस और उससे संबंधित निवेश को एक इकाई में रखा जाएगा. वहीं दूसरी इकाई में पैसेंजर व्हीकल (यात्री वाहन), ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन), जेएलआर (जगुआर लैंड रोवर) सहित यात्री वाहन व्यवसाय और इससे संबंधित निवेश रहेंगे.
कंपनी ने बताया कि इस कारोबार विभाजन को एनसीएलटी व्यवस्था योजना के जरिए लागू किया जाएगा. टीएमएल (टाटा मोटर्स लिमिटेड) के सभी शेयरधारकों के पास दोनों सूचीबद्ध इकाइयों में समान हिस्सेदारी बनी रहेगी. टाटा मोटर्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में मजबूत बदलाव की पटकथा लिखी है. उन्होंने कहा, ”तीन वाहन व्यवसाय इकाइयां अब स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं और लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. इस विभाजन से उन्हें अपना फोकस और फूर्ती बढ़ाकर बाजार के अवसरों को बेहतर ढंग से भुनाने में मदद मिलेगी.”
डीमर्जर से क्या होगा?
चन्द्रशेखरन ने कहा कि विभाजन से ग्राहकों को बेहतर अनुभव, कर्मचारियों को बेहतर वृद्धि की संभावनाएं और शेयरधारकों को बेहतर मूल्य मिलेगा. उन्होंने कहा कि विभाजन की योजना को आने वाले महीनों में मंजूरी के लिए कंपनी बोर्ड के सामने रखा जाएगा. इसके लिए शेयरधारकों, ऋणदाताओं और नियामकों से सभी जरूरी मंजूरियां ली जानी हैं, जिसमें 12-15 महीने का समय लग सकता है. चन्द्रशेखरन ने कहा, ”विभाजन का कर्मचारियों, ग्राहकों और हमारे व्यापार भागीदारों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.” कंपनी ने शेयर बाजार को बताया कि इस कदम से संबंधित व्यवसायों की जवाबदेही तय करने में मदद मिलेगी और वे उच्च वृद्धि के लिए अपनी रणनीतियां बना सकेंगी.
एक्सपर्ट की राय
टाटा मोटर्स के शेयरों को लेकर मार्केट एक्सपर्ट और जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसीडेंट गौरांग शाह ने कहा है कि उनकी राय अभी भी इस शेयर में खरीदारी की ही है. हालांकि, उन्होंने कोई नया टारगेट नहीं दिया है. उनका कहना है कि एक बार शेयरों का बंटवारा और कंपनियों का मूल्यांकन पुख्ता तौर पर सामने आ जाए तो नया टारगेट देना उचित होगा. आपको बता दें कि मंगलवार सुबह टाटा मोटर्स के शेयर खुलने के कुछ ही देर के अंदर 1059 पर पहुंचा जो इसका रिकॉर्ड हाई भी है.