यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा संपन्न हो गई. बोर्ड परीक्षा 22 फरवरी से नौ मार्च के बीच 12 कार्य दिवसों में आयोजित की गई. इस बार भी बोर्ड ने ने परीक्षा में नकल और धांधली रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए थे. जिसके चलते 3 लाख 24 हजार 08 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी. हाईस्कूल के 1 लाख 84 लाख 986 और इंटरमीडिएट में 1लाख 39 हजार 022 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे. हाई स्कूल और इंटर को मिलाकर कुल 55 लाख 25 लाख 308 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. जिसमे हाईस्कूल के 29 लाख 99 हजार 507 और इंटरमीडिएट के 25 लाख 25 हजार 801 परीक्षार्थी शामिल हैं.
यूपी बोर्ड ने 12 दिन में बोर्ड परीक्षा संपन्न करके रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले साल 2023 में बोर्ड परीक्षा 14 दिन में संपन्न हुई थी. बोर्ड परीक्षा के दौरान कुल 37 फर्जी परीक्षार्थी पकड़े गए. इसके अलावा 48 नकल करते भी पकड़े गए. परीक्षा के दौरान कुल 56 फर्जी परीक्षार्थियों व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई.
17 कॉलेजों को मिला नोटिस
यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान नकल व अन्य शिकायतों के चलते 17 कॉलेजों को नोटिस दिया गया. बोर्ड परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए पहली बार बोर्ड परीक्षा मुख्यालय में कमांड एंड कंट्रोल रूम बनाया गया था. एक और रिकॉर्ड बना पेपर की गलत ओपनिंग न होने का. साल 2020 ये जारी यह सिलसिला इस बार भी कायम रहा.
16 मार्च से शुरू होगी कॉपियों की जांच
यूपी बोर्ड परीक्षा संपन्न होने के बाद अब बोर्ड कॉपियों की जांच की तैयारी में जुट गया है. बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 16 मार्च से 31 मार्च के बीच किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार यूपी बोर्ड परीक्षा के परिणाम अप्रैल के आखिर तक या मई के पहले सप्ताह में जारी हो सकते हैं. पिछले साल भी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन 31 मार्च को पूरा हुआ था. रिजल्ट रिकॉर्ड समय में 25 अप्रैल को जारी कर दिया गया था.