सेक्सुअल क्राइम वालों को सरकार का जवाब, 150 महिला पुलिसकर्मीयों की टीम हुई तैयार

सेक्सुअल क्राइम के मामले में अदालत से अपराधी साक्ष्य के आभाव में बरी हो जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह होती है साइनटिफिक एविडेंस का न होना जिसे लेकर ही अब झारखंड पुलिस की स्पेशल महिला टीम की स्क्वाड बनाई जा रही है जो हर जिले में पोस्टेड होंगी. यह महिला स्क्वाड किसी भी तरह के सेक्सुअल क्राइम के मामलों का इन्वेस्टिगेशन करेगी.

दरअसल नया कानून के लागू होते ही बगैर साइंटिफिक एविडेंस के कनविक्शन नहीं हो पाएगा जिसे लेकर झारखंड पुलिस गंभीर है. ऐसे में झारखंड पुलिस मुख्यालय के द्वारा राज्य की 150 महिला पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है, जिनकी स्पेशल ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है. दरअसल 343 महिला पुलिस कर्मी ने इस टीम का हिस्सा बनने को लेकर फार्म भरा था. लेकिन, फिलहाल इन 343 महिला कर्मियों में से महज 150 का ही चयन इस टीम में हुआ है, जिन्हे ट्रेंड किया जा रहा है.

महिला पुलिस कर्मियों को 4 तरह की ट्रेनिंग
मामले की जानकारी देते हुए झारखंड पुलिस के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने बताया कि महिला पुलिस कर्मियों को 4 तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमे कानून, मनोविज्ञान मेडिकल और फोरेंसिक की ट्रेनिंग शामिल है. 28 दिनो की ट्रेनिंग के बाद ये स्पेशल स्क्वायड की टीम हर जिले के महिला थानों में पदस्थापित होंगी और फिर अगर जिले में कोई सेक्सुअल ऑफेंस की घटना सामने आती है तो यह टीम उसका अनुसंधान करेगी. टीम का हिस्सा बनने वाली स्पेशल पुलिसकर्मियों के कंधो पर सेक्सुअल ऑफेंस से जुड़ी हुई साक्ष्यों एक संकलन करना और जांच में सहयोग करने का भी जिम्मा दिया गया है.

महिला स्क्वाड टीम को दी जा रही स्पेशल ट्रेनिंग
बता दें, इन महिला पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग भी विशेष है. रिनपास के मनोवैज्ञानिको के साथ-साथ मेडिकल के लिए सदर अस्पताल के डॉक्टरों को भी जोड़ा गया है तो इसके साथ ही कानून के जानकारों और फोरेंसिंक की टीम भी इस टीम को विशेष रूप से ट्रेंड कर रही है. मामले में डीजी सीआईडी अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस टीम का हिस्सा बननेवाली महिला पुलिसकर्मियों एक बैकग्राउंड शिक्षा के लिहाज से काफी अच्छा है और उन्हें टेक्निकल जानकारियां है बस उन्हें इस ट्रेनिंग में निखारा जाएगा. बहरहाल नए कानून बनने से पहले झारखंड पुलिस अपनी कामियोंं को दूर करने में जुटी है. हालांकि देखना होगा स्पेशल टीम की ट्रेनिंग और उसका धरातल पर इस्तेमाल कितना बेहतर तरीके से हो पाता है.

 

Hindi News Haryana

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *