दिवंगत पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी मां प्रेंग्नेंट हैं. 58 साल की उम्र में उन्होंने आईवीएफ तकनीक अपना कर इस बच्चे को कंसीव किया है. ऐसे में अब कई महिलाओं के मन में IVF को लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं. जैसे आईवीएफ की मदद से किस उम्र तक मां बना जा सकता है? पूरा प्रोसेस क्या है? क्या डायबिटीज से जूझ रही महिलाएं IVF की मदद से मां बन सकती हैं?
इस सवाल का जवाब झारखंड की राजधानी रांची के अंकुरण आईवीएफ की डॉक्टर और गायनेकोलॉजिस्ट रूही श्रीवास्तव ने दिया. उन्होंने Local 18 को बताया कि सरकार ने आईवीएफ के लिए एज लिमिट तय कर रखा है. महिलाओं के लिए जहां 50 साल तो पुरुष के लिए 55 साल है. ऐसे में जो महिलाएं 50 साल की उम्र की हैं. वह कंसीव कर सकती हैं. हालांकि इसमें कुछ कॉम्प्लिकेशंस रहते हैं.
लगातार मॉनिटरिंग की जरूरत
डॉ. रूही श्रीवास्तव बताती हैं कि जो महिलाएं 50 साल तक पहुंच जाती हैं. उनमें कई तरह की बीमारियां भी देखी जाती हैं. उन्हें या तो शुगर होता है या लो बीपी, हाई बीपी, थायराइड, ओबेसिटी, मोनोपोज या कोई अन्य बीमारी रहती है. कई महिलाओं में हार्ट की समस्या भी देखी गई है. ऐसे में आईवीएफ करना थोड़ा रिस्की तो होता है, लेकिन लगातार मॉनिटरिंग के जरिए अधिकतर मामले सफल होते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि अगर सक्सेस रेट की बात करें तो यह महिलाओं पर डिपेंड करता है. कई बार कोई महिला को कोई बीमारी नहीं होती वह बिल्कुल फिट होती है. ऐसे में उनका सक्सेस रेट हाई होता है, लेकिन अगर शुगर या हाई बीपी जैसी बीमारी है तो फिर रिस्क अधिक होता है. कई बार मामले विफल भी हो जाते हैं.
आईवीएफ है उम्मीद की किरण
उन्होंने बताया कि जो महिला 50 के आसपास है, उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं. आईवीएफ एक बेहतरीन विकल्प उनके लिए साबित हो सकता है. डॉ. रूही श्रीवास्तव ने आगे बताया कि हमारे पास ऐसे कई सारे केस आए हैं जो महिला 50 की एज में कंसीव करना चाहती हैं. अधिकतर यह ऐसी महिलाएं होती हैं जिनके इकलौते बच्चे की मौत हो जाती है या फिर उनका एक ही बच्चा होते है और वह एक और बच्चे की चाह रखती हैं.
उन्होंने आगे बताया कि ऐसे केस में हम पूरे 9 महीने महिलाओं पर पैनी नजर रखते हैं, पूरा मॉनिटर करते हैं. उनके बीपी से लेकर शुगर हर एक चीज की नियमित जांच होती है और उनको स्पेशल डाइट रिकमेंड होती है. अगर वह उसको ठीक से फॉलो करें तो फिर महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं. इसके जरिए वह अपने सपने को पूरा कर सकती हैं.