लोन लेने के लिए जानें सिबिल स्कोर लिमिट

सिबिल स्कोर : चाहे अमीर व्यक्ति हो या गरीब, हर व्यक्ति को कभी न कभी कर्ज की जरूरत पड़ती है। कुछ लोग अपनी जरूरतों के चलते कर्ज लेते हैं तो कुछ लोग अपने शौक पूरे करने के लिए कर्ज लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब भी आप लोन लेने के लिए बैंक जाएंगे तो सबसे पहले आपका CIBIL स्कोर चेक किया जाएगा, जिसके आधार पर तय होगा कि आपको लोन देना है या नहीं। ऐसे में आइए जानते हैं लोन लेने के लिए आपका CIBIL स्कोर कितना होना चाहिए…

वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों को कभी न कभी कर्ज लेने की जरूरत पड़ती है, चाहे वह नया घर खरीदने या बनाने के लिए हो या अपने बच्चे की पढ़ाई या शादी के लिए हो। ऐसे में लोग बैंक का रुख करते हैं और लोन के लिए अप्लाई (how to apply for loan) करते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि सभी आवेदकों को लोन मंजूर ही हो जाए। दरअसल, Bank Loan Process में सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का अहम रोल होता है और ये आंकड़ा ही आपका लोन पास कराने का प्रमुख जरिया होता है।

अगर ये दुरुस्त होता है, तो फिर बैंक आपको कर्ज देने में टाइम नहीं लगाएगा। हम आपको बता रहे हैं कि कितना सिबिल स्कोर (good cibil score) सही होता है और इसे बेहतर कैसे बनाए रखा जा सकता है?

कम CIBIL Score के कारण नहीं मिल रहा लोन, तो अपनाएं 6 तरीके

इतने सिबिल स्कोर वाले, हो जाओं टेंशन फ्री : बता दें कि सिबिल स्कोर (Cibil Score range) या क्रेडिट स्कोर (Credit Score) ही वो जरूरी चीज होती है, जिसके अच्छे होने पर फटाफट बैंक लोन अप्रूव कर देता है, लेकिन अगर ये खराब होता है तो फिर कर्ज मिलना मुश्किल हो जाता है। अगर आपको भी लोन देने में बैंक आनाकानी कर रहा है, तो एक बार अपने सिबिल स्कोर को जरूर चेक कर लें। आपका सिबिल जितना ज्यादा होगा, उतनी ही आसानी से बैंक आपको कर्ज (Bank Loan conditions) दे देगा। 700 से ऊपर सिबिल स्कोर बेहतर कैटेगरी में आता है।

जान लें क्या दर्शाता है सिबिल स्कोर का डाटा : बहुत लोगों को नही पता होता कि आखिर ये सिबिल स्कोर क्यों जरूरी है और इसके जरिए बैंक लोन (bank loan process) कैसे प्रभावित होता है। तो बता दें कि दरअसल, इस आंकड़े के जरिए बैंक ये पता लगाते हैं कि आप लिया गया कर्ज चुकाने में सक्षम हैं और इसे लौटाने में लेट-लतीफी नहीं करेंगे।

यानी यह आपको कर्ज देने के लिए बैंकों को भरोसा दिलाने वाला फैक्टर होता है। आमतौर पर बैंकों की ओर से तय किए गए मानकों को देखें तो किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 पॉइंट्स के बीच होता है और 700 से ऊपर सिबिल स्कोर को अच्छा (Best Credit Score range) माना जाता है।

खराब स्कोर बनता है लोन में समस्या : अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है या 700 से काफी नीचे है तो आपको लोन मिलने में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में इसकी मरम्मत कराना बेहद जरूरी है. कुछ टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप आसानी से लोन पा सकते हैं। और इसमें पहला है समय पर अपनी EMI या बकाये का भुगतान करना। अगर आपके पहले से कोई लोन (Loan process), जैसे होम लोन (Home Loan tips), पर्सनल लोन (Personal Loan) या ऑटो लोन (Auto Loan) ले रखा है।

चाहे वो क्रेडिट कार्ड के जरिए ही क्यों न लिया गया हो। इसका भुगतान समय पर करना आपके सिबिल स्कोर (Cibil Score) को बिगड़ने नहीं देगा। इसलिए अपने सिबिल को दुरुस्त रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि लोन की ईएमआई का पेमेंट (EMI Payment) लेट न करें और तय समय पर इसे भर दें।

क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में बरतें सावधानी : आज के समय में क्रेडिट कार्ड (Credit Card utilization) का क्रेज खासा बढ़ा है और लोगों के लिए अपनी जरूरतें पूरी करने का बड़ा साधन बन गया है। हालांकि, इसके फायदे होने के साथ ही साइडइफेक्ट भी बहुत हैं। Cibil Score के मद्देनजर इसकी बात करें तो आपको अपनी क्रेडिट लिमिट (Credit card Limit) का इस्तेमाल बेहद सावधानी से करना चाहिए। बैंक द्वारा दी गई क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग न करें, बल्कि बहुत बड़ी जरूरत न हो, तो इस लिमिट के 30-40 फीसदी का इस्तेमाल करें।

एक साथ न लें ज्यादा लोन : अगर आप अपना सिबिल स्कोर संभालना चाहते है तो इसके लिए एक और सबसे जरूरी बात है कि आप एक साथ कई तरह से कर्ज लेने से बचें, ये आपके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है और इसका असर सीधे आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है।

अक्सर देखा जाता है कि लोग एक साथ कई Loan ले लेते हैं और फिर उनकी पेमेंट में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा करना आपकी वित्तीय सेहत (Financial Health) की हालत पतली कर सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि अगर कोई नया लोन (New Loan application) लेना चाहते हैं, तो फिर पहले पुराने सभी कर्ज चुकाने के बाद ही अप्लाई करें।
जरूरत के अनुसार ही लें लोन:

अगर आप अपनी क्रेडिट रेटिंग (Credit Rating) सुधारना चाहते है तो इसके लिए आप किसी Bank या वित्तीय संस्थान से उतना ही कर्ज लें, जितना आसानी से चुका पाएं। क्योंकि ज्यादा कर्ज लेने पर ईएमआई (EMI) अधिक होगी और अगर आप इसके भुगतान में कोई कोताही बरतते हैं, तो फिर इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर होगा। सिबिल स्कोर खराब होगा तो नए लोन में दिक्कत पेश आएगी।

इसके अलावा नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट (credit report) की निगरानी भी जरूरी है, इससे आपको किसी भी तरह की कमी की पहचान करने में मदद मिल सकती है, जिससे आप सही समय पर उपयुक्त सुधार कर सकते हैं।

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