किसी भी कैंसर के लक्षण बीमारी लगने के तुरंत बाद नहीं दिखते हैं. लेकिन जैसे ही यह विकसित होते हैं कुछ मामूली लक्षण दिखने लगते हैं. ऐसे ही लक्षण मुंह का कैंसर होने पर दिखने लगते हैं. अगर किसी व्यक्ति के मुंह में जल्दी न भरने वाला घाव, गांठ, सफेद या लाल धब्बे नजर आते हैं तो यह मुंह के कैंसर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कैंसर विभाग के एचओडी डॉक्टर दौलत सिंह ने बताया कि भारत में मुंह और गले का कैंसर प्राथमिक रूप से सबसे ज्यादा है. क्योंकि, यहां गुटखा और तंबाकू का बहुत ज्यादा सेवन किया जाता है. वहीं, अगर पश्चिमी देशों की बात करें तो वहां फेफड़े का कैंसर ज्यादा देखा जाता है. क्योंकि, वहां तंबाकू को सिगरेट और सिगार आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है. तंबाकू-गुटखा और खैनी आदि हर जगह लोगों को आसानी से मिल जाते हैं. लोगों में जागरूकता की कमी के चलते वे इसका सेवन लगातार कर रहे हैं और कैंसर के शिकार होते जा रहे हैं. कई लोगों में इसकी शुरुआती लक्षण नजर आते हैं. लेकिन लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं. करीब दो तिहाई मरीज एडवांस्ड स्टेज में यहां आते हैं, जिनमें उनका बचना मुश्किल होता है. दून अस्पताल की अगर बात करें तो इसके कैंसर विभाग में करीब 500 मरीज प्रति माह ओपीडी में आते हैं. इनमें 35 से 40 फीसद मुंह और गले के कैंसर के मरीज आते हैं. पिछले साल 320 मरीज नए कैंसर के डायग्नोसिस किए गए और 1100 से ज्यादा मरीजों को कीमोथेरेपी दी गई थी.
मुंह के कैंसर के लक्षण
डॉ. दौलत सिंह बताते हैं कि मुंह का कैंसर होने पर मुंह के अंदर एक सफेद या लाल रंग का पैच बन जाता है. इसके अलावा दांतों में ढीलापन आने लगता है. वहीं, मुंह के अंदर लंप या कुछ गांठ की तरह बढ़ने लगता है. मुंह में अक्सर दर्द होने लगता है. इतना ही नहीं, मुंह में कैंसर होने पर कानों में भी दर्द होने लगता है. जब बीमारी बढ़ जाती है तो भोजन निगलने में भी दिक्कत होती है. होंठ या मुंह में घाव हो जाता है तो सर्जरी की जाती है. लेकिन कभी कभी इलाज कराने के बाद भी व्यक्ति को बचाया नहीं जा सकता है. इससे बचाव का सबसे बेहतर तरीका यही है कि तंबाकू और गुटखा खाना आज ही छोड़ दें.