मुख्यमंत्री योगी यूं ही नहीं है नंबर 1 पर, सारे अदालत कर रहे तारीफ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऐसे ही नंबर वन नहीं बने हैं. उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद से सीएम योगी एक कर्मयोगी की तरह प्रदेश की विकास में जुटे हुए हैं. वर्ष 2017 से पहले कानून व्यवस्था को लेकर यूपी बदनाम था, मजबूत इच्छा शक्ति से योगी आदित्यनाथ ने इस पर विजय हासिल की है. आज प्रदेश की कानून व्यवस्था देश कई राज्यों से बहुत बेहतर हैं और अदालतें यूपी का उदाहरण देने लगी हैं.

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सबसे पहले महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ को रोकने के लिए उन्होने एंटी रोमियो स्क्वाटड का गठन किया. इसका असर ये हुआ लड़कियां आराम से अपने स्कूल आने-जाने लगीं. देर रात तक वो घूमने फिरने लगीं. इसी के साथ सीएम योगी ने अपराधियों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए, जिसके बाद प्रदेश भर में पुलिस बदमाशों पर टूट पड़ी और उनके दर्शन यमराज से कराने लगी, बदमाशों में पुलिस के साथ लगातार मुठभेड़ होने लगीं. बहुतों के पैर में गोली लगी तो कुछ की गोली लगने से मौत हो गई, जिसके बाद योगी का खौफ बदमाशों में घर कर गया, बदमाशों के खिलाफ हिस्ट्रीशीट खुलने लगी, गैंगेस्टर एक्ट के तहत प्रापर्टी जब्त होने लगी.

यूपी में संगठित अपराध को किया खत्म
सीएम योगी ने संगठित अपराध को खत्म करने के लिए पूर्वांचल के चाहे मुख्तार अंसारी हों या फिर अतीक अहमद, विजय मिश्रा हो या फिर बदन सिंह बद्दो सभी पर कार्यवाही शुरू हुई, जिसका असर भी प्रदेश में दिखने लगा. जुलाई 2020 में कानपुर बिकरू गांव में बदमाश विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए, जिसके बाद यूपी पुलिस विकास के साथियों को यमराज के पास भेजती रही, इस घटना में बुलडोजर की इंट्री होती है और विकास के साम्राज्य को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया जाता है. उज्जैन के महाकाल में गिरफ्तार होने के बाद जब विकास दुबे को कानपुर लाया जा जाता है तो गाड़ी पलटने के बाद हुई मुठभेड़ में उसकी मौत हो जाती है. इस घटना के बाद यूपी में कई अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाती है, इसी का असर रहा कि योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा के नाम से जाने लगा.

प्रयागराज में उमेशपाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद और उसके गैंग पर हुई कार्रवाई इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गई. एनआरसी के विरोध में प्रयागराज में हुए उपद्रव के बाद हुई कार्यवाही ने भी अपराधियों के हौसले पस्त कर दिए. वरिष्ठ पत्रकार कुमार हर्ष का कहना है कि आबादी के मामले में देश के सबसे बड़े प्रांत होने के साथ ही यूपी की छवि कुछ वर्ष पहले तक बिहार की तरह ही एक ऐसे राज्य के रूप में थी जहां अलग-अलग क्षेत्रों में ऐसे माफियाओं और बाहुबलियों का दबदबा था जो या तो राजनीतिक संरक्षण प्राप्त थे या खुद राजनेता बन चुके थे.

इसकी वजह से बाहर के उद्यमियों और औद्योगिक समूहों के लिए यहां आने में दिलचस्पी न के बराबर थी. योगी आदित्यनाथ को इस बात का पूरा श्रेय जाता है कि उन्होंने माफियाओं के खिलाफ अपनी दृढ़तापूर्ण छवि के चलते निवेश की उस अनिच्छा को अब उत्साह में बदल दिया है.

यूपी में जगा निवेशकों का भरोसा
अपराधियों के हौसले पस्त हुए तो निवेशकों का भरोसा यूपी में जगा. मुख्यमंत्री योगी के नीति से प्रभावित होकर निवेशकों ने यूपी की तरफ रुख किया. देश की जानीमानी कंपनियों के साथ-साथ विदेशी कंपनियों ने भी यूपी में निवेश किया. पहले निवेश नोएडा तक ही सीमित रहता था, लेकिन अब बुंदेलखंड जैसे सूखा वाले इलाके में डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण हुआ तो वहां पर निवेश आने लगे.

पूर्वांचल में उद्योग ने गति पकड़ी, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने बड़े बड़े निवेशकों को अपनी तरफ आकर्षित किया, दस हजार करोड़ रुपये का निवेश यहां पर हुआ. 20 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर यहां पर है. हजारों युवकों को रोजगार का साधन मिला और अभी भी देश की कई बड़ी कंपनियां यहां पर जमीन तलाश रही हैं. सीमेंट उद्योग से लेकर स्टील उद्योग तक साफ्ट ड्रिंक से लेकर गारमेंट पार्क तक सभी तरह के निवेशक यहां पर आए और आज गोरखपुर के साथ साथ पूर्वांचल तरक्की की नई राह गढ़ रहा है.

सिर्फ कानून व्यवस्था ही नहीं निवेशकों को निवेश के लिए बेहतर माहौल भी सरकार ने दिए. आगरा- लखनऊ एक्सप्रेस-वे के बाद, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया, गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन है. साथ ही पूर्वांचल से बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे, चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस वे जैसे विश्वस्तरीय सड़को का निर्माण कराया या फिर निर्माण कार्य जारी है. वर्ष 2017 के पहले प्रदेश में लखनऊ और वाराणसी में ही एयरपोर्ट फंकशनल थे गोरखपुर से एक फ्लाइट उड़ा करती थी, पर आज प्रदेश में पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हैं. गोरखपुर सहित चार अन्य एयरपोर्ट से हवाई सेवा मिल रही है. पांच अन्य एयरपोर्ट से जल्द ही उड़ान आरंभ हो जाएगा. इसी के साथ बिजली व्यवस्था में भी सुधार हुआ. इसी साथ आज ग्रेटर नोएडा में फिल्म सिटी बनने जा रही है.

वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर महेंद्र सिंह का कहना है कि देश की जीडीपी में यूपी का हिस्सा आज 8 प्रतिशत है. यूपी की जीडीपी 7.7 लाख करोड़ होने जा रही है. इसका मतलब साफ है कि यूपी निवेशकों की पहली पंसद बनता जा रहा है, सरकार के राजस्व को 6.8 लाख करोड़ प्राप्त हुए, जिसके कारण ढंचागत विकास हुआ और इसका असर भी दिखने लगा. इंड्रस्टियल कारीडोर और डिफेन्स कारीडोर के निर्माण से निवेशकों की राह और आसान हुई.

लोक कल्याणकारी योजनाओं पर खास फोकस
सरकार के पास पैसा आया तो उन्होंने लोक कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष फोकस किया. कोविड काल से पहले ही प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का लक्ष्य रखा गया और आज 54 जिलों में मेडिकल कॉलेज खुल गये हैं. कई जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने की प्रक्रिया चल रही है. लोगों को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए आयुष्मान कार्ड की तरह मुख्यमंत्री जन आरोग्य कार्ड बनाया, जिससे गरीब व्यक्ति का आसानी से इलाज हो सके. मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल तक उच्चीकृत किए गए, ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी पर विशेष फोकस किया गया, पूर्वांचल के अभिषाप कहे जाने वाले इंसेफ्लाइटिस के उन्मूलन के लिए वृहद अभियान चलाया गया. जिसका असर ये हुआ कि आज इंसेफ्लाइटिस से मौतों की संख्या शून्य हो गई है.

कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों के लिए योगी सरकार योजना लेकर आयी, जिससे उनका भरण पोषण हो रहा है. विधवा, वृद्ध और विकलांग जनों के पेंशन की राशि को बढ़ाया, गरीब कन्याओं की शादी के मुख्यमंत्री विवाह योजनाओं से लाखों कन्याओं का विवाह कराया, ग्रामीण सड़कों का निर्माण होने और कम से कम 18 घंटे बिजली मिलने से किसानों की भी आमदनी बढ़ी, एमएसपी रेट पर किसानों से रवी और खरीफ की फसलों की खरीददारी हुई तो गन्ना के दाम में बढ़ोत्तरी के साथ ही नए चीनी मिल भी सरकार ने खोले.

इसी के साथ सरकार ने पर्यटन उद्योग भी ध्यान दिया, अयोध्या में भगवान श्रीराम की मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, आज अयोध्या का कायाकल्प हो चुका है, अयोध्या वैदिक सिटी के रूप में विकसित की जा रही है. प्रतिदिन दो लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर रहे हैं, देश के कोने कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को कहीं पर भी कोई परेशानी नहीं हो रही है. इसके पहले वाराणसी में बाबा विश्वनाथ मंदिर का कायाकल्प किया गया, विश्वनाथ कारीडोर बनाकर मां गंगा से मिलन कराया गया, वाराणसी में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई गयीं जिसका नतीजा रहा है, हर साल वहां पर करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु आने लगे, विन्धाचल कॉरिडोर पर काम चल रहा है, मथुरा के विकास प्राधिकरण का गठन किया जा चुका है, नैमिषारणय को लेकर भी बोर्ड का गठन हो गया है, बरेली से लेकर बलिया तक के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास हो रहा है, इसलिए धर्मिक पर्टयन यूपी में बढ़ा है, गोरखपुर में बाबा गोरखनाथ मंदिर के साथ शहर के बीचो बीचो स्थित रामगढ़ताल आज पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है, प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटन यहां पर आते हैं.

यूपी में बढ़ा धार्मिक पर्यटन
वरिष्ठ पत्रकार रितेश मिश्रा का कहना है कि अयोध्या का जिस तरह से कायाकल्प हुआ है उससे योगी सरकार की मजबूत इच्छा शक्ति ही प्रदर्शित होती है. प्रदेश में आज धार्मिक पर्यटन बढ़ा है, अयोध्या के साथ साथ काशी मथुरा नैमिष का तो कायाकल्प हो ही रहा है, प्रयागराज में कुंभ के बाद माघ मेले की रौनक देखते ही बन रही है. और अब महाकुंभ की तैयारी चल रही है. साथ ही भगवान बुद्ध से जुड़े हुए स्थल कुशीनगर से लेकर सारनाथ और श्रवास्ती तक में सुविधाएं बढ़ी हैं, कबीर के मगहर का विकास हुआ है. नाथ नगरी बरेली के साथ शुक्र तीर्थ क्षेत्र का विकास हो रहा है. इससे बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन हुआ है.

उत्तरप्रदेश की कमान संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर जाति धर्म का विकास बिना भेदभाव से किया और इसी का नतीजा रहा कि कभी बिमारू प्रदेश कहा जाने वाले यूपी आज विकास के नए आयाम गढ़ रहा है.

 

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