ब्रह्म मुहूर्त : ‘मैं कल से सुबह जल्दी उठूंगा और एक्सरसाइज करूंगा/करूंगी…’ ये वो संकल्प है, जो हम सब लगभग हर रविवार की शाम को लेते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस ‘सोमवार’ से जिंदगी बदल जाएगी. लेकिन असल में ऐसा ‘सोमवार’ कभी नहीं आता. आपका फिटनेस गोल हो या फिर सुबह वॉक शुरू करने का नियम अक्सर ये संकल्प कभी पूरे ही नहीं हो पाते, या कुछ दिन होकर बंद हो जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है सुबह नींद का नहीं खुलना. दरअसल सनातन धर्म में भी ब्रह्म मुहूर्त को उठने के लिए और नया दिन शुरू करने के लिए सबसे उत्तम समय माना गया है. लेकिन अक्सर लोगों को सुबह उठने में काफी परेशानी होती है. हम आपको तीन ऐसे नुस्खे बता रहे हैं, जिसे अपना कर आप न केवल सुबह उठ पांएगे बल्कि ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आप अपने जीवन में लक्ष्मी का स्वागत और सफलती की सीढ़ी एक साथ चढ़ सकते हैं.
अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि वो सुबह जल्दी उठने के लिए एक दो नहीं बल्कि 3-3 अलार्म लगाते हैं फिर भी आंख नहीं खुल पाती. सुबह देर तक सोकर हम न केवल अपने भाग्य को सुला देते हैं, बल्कि इस अमृतकाल का अपने जीवन में सही प्रयोग करने से भी चूंक जाते हैं.
सुबह जल्दी उठने से लक्ष्मी का घर में वास होता है.
सनातन धर्म में क्यों अहम है ब्रह्म मुहूर्त
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का बहुत ही महत्व है. इसका समय सुबह 4 बजे से 5.30 बजे तक होता है. ये समय दिन का सबसे पुण्यकर समय माना जाता है. माना जाता है कि इस मुहूर्त में उठकर काम करने से सफलता अवश्य मिलती है. इसके साथ-साथ ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मां लक्ष्मी का घर में वास होता है और आपके जीवन से दरिद्रता दूर भागती है. ऐसा माना जाता है कि अगर कोई मुहूर्त शुभ न भी हो, तब भी ब्रह्म मुहूर्त में काम करने से व्यक्ति को सफलता मिलती है.
सुबह उठने के अचूक उपाय
सुबह का नहीं, रात का आलर्म लगाएं
अगर आप सुबह जल्दी या कहें ब्रह्म मुहूर्त में उठकर अपने जीवन को एक नई दिशा देना चाहते हैं तो इसके लिए जरूरी है आप सुबह का नहीं बल्कि रात का आलार्म लगाएं. जी हां, आपने सही पढ़ा. रात का मतलब रात को समय पर सोने का आलार्म लगाएं और कोशिश करें कि जो भी काम आप कर रहे हों, उसे बंद कर रात 9 बजे तक अपने बिस्तर पर आ जाएं. लेकिन बिस्तर पर आने का मतलब मोबाइल लेकर सोना नहीं है. बल्कि बिस्तर पर आने के बाद आप शरीर को रिलैक्स करने वाली गतिविधियां जैसे किताब पढ़ना या थोड़ा ध्यान लगाना जैसे काम करें. जब आप रात में समय पर सो जाएंगे तो आपको सुबह उठना आसान होगा. इसके अलावा सुबह का अगर आलार्म लगा रहे हैं तो आलार्म को अपने बिस्तर से दूर रखें, ताकि उसे बंद करने के लिए आपको उठना पड़े.
तय करें सुबह का रुटीन
जब आप किसी चीज के लिए उत्साहित होते हैं तो आप देखेंगे कि उस काम को करने के लिए आपको नींद ही नहीं आती. आप उत्साहित होते हैं कि कब सुबह हो और कब आप वो काम करें. बस, यही आपको अपनी सुबह की दिनचर्या के साथ करना है. अपना सुबह का रुटीन ऐसा सेट करें कि उसे करने में आपको मजा आए और उसके लिए उत्साहित होकर आप उठें. जैसे सुबह उठकर आप अपने मन का जो लिखना चाहते हैं, वो लिखें, जो पढ़ना चाहते हैं वो पढ़े, संगीत सीखें, योग करें… कुछ भी ऐसा करें जो आपको सुबह उठने के लिए उत्साहित करें.
सुबह उठकर एक रुटीन तय करें, जो आपको दूसरे दिन भी उत्साहित करे. (Image- Canva)
डिनर का हल्का बनाएं
सुबह जल्दी उठने में जो आपके आगे सबसे बड़ी परेशानी आती है वो शरीर की शिथिलता है. एक भारी डिनर कर के आप कभी भी सुबह जल्दी नहीं उठ सकते हैं. यही वजह है कि आपको हर डाइट में या योगगुरू हमेशा रात में हल्का डिनर करने को कहते हैं. रात में जो भी आप खाते हैं, उसमें बस एक ही नियम अपनाएं, जितना अनाज आधा, दोगुनी सब्जी. यानी अगर आप 4 रोटी खाते हैं और एक कटोरी सब्जी तो इसे 2 चपाती और 2 कटोरी सब्जी कर दें.
ये कुछ ऐसे नियम हैं, जिन्हें आपनाकर आप सुबह उठने की अपनी आदत को बदल सकते हैं. लेकिन इन नियमों के साथ सबसे ज्यादा जरूरी है आपकी दृढ़ निश्चयता. आप ठान लें तो कुछ भी कर सकते हैं. ऐसे में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर आप अपने जीवन को एक नई दिशा दे सकते हैं.