दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में साइबर ठगी को लेकर बड़ा चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इस खबर के सामने आने के बाद से देश की खुफिया एजेंसियों के भी होश उड़ गए हैं. दरअसल, हाल के दिनों में साइबर ठग तरह-तरह के तरकीब निकाल कर लोगों के साथ फ्रॉड कर रहे हैं. ये साइबर ठग रहते तो विदेश में हैं, लेकिन भारत में इनका पूरा सिंडिकेट काम करता है. अब ये साइबर ठग भारत के लोगों के बैंक खाता भी किराये पर लेने लगे हैं. इसके बदले साइबर ठग खाताधारकों को मोटी रकम देते हैं. ऐसे में बेरोजगार लोगों को लगता है कि इससे घर बैठे ही मोटी कमाई हो जाती है. लेकिन, अब दिल्ली पुलिस ऐसे लोगों पर कार्रवाई शुरू कर दी है जो अपना बैंक खाता किराये पर देकर उससे कमीशन प्राप्त करते हैं.
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने किराये पर अपना बैंक खाता देने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साइबर सेल पुलिस को इन लोगों के खातों में 60 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन का पता चला है. इन लोगों के द्वारा विदेश से सिंडिकेट चलाने वाले जालसाजों को बैंक अकाउंट मुहैया करवाया जाता था और बदले में इनको पैसे मिलते थे. साइबर सेल की जांच में चीनी नागरिकों की भूमिका मिली है.
साइबर ठग दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने किराये पर अपना बैंक खाता देने वाले 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. (File Image)
साइबर ठगी का नया खेल
दिल्ली पुलिस के डीसीपी रोहित मीणा के मुताबिक, ‘साइबर सेल को पिछले साल 9 अगस्त को एक शिकायत मिली थी, जिसमें पीड़ित शख्स ने कहा था कि व्हाट्सऐप के जरिये उनसे किसी ने संपर्क किया. संपर्क करने वाला शख्स खुद को एक प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी बताया और गूगल पर रेस्तरां को रेटिंग देकर मुझसे पैसे कमाने की बात कही. उस शख्स ने बाद में 11 अगस्त को शिकायतकर्ता को एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ लिया. पहले उन लोगों ने गूगल पर रेस्तरां को रेटिंग देने का काम सौंपा. एक रेटिंग के लिए पीड़ित को 150 रुपये देते थे. इसके बाद उन्हें कंपनी में 13 सौ रुपये डालने पर मुनाफा देने का झांसा दिया. पीड़ित ने अच्छे रिटर्न के लिए तकरीबन साढ़े 23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद उस शख्स को मुनाफा नहीं मिला. शिकायतकर्ता ने जब पैसे मांगे तो पैसे वापस नहीं मिले. ठगी का अहसास होने पर उन्होंने दिल्ली पुलिस के साइबर सेल पुलिस को सूचना दी.’
ऐसे काम करता है पूरा सिंडिकेट
डीसीपी के मुताबिक, साइबर सेल को इस जांच में पता चला कि जिस अकाउंट में पैसे गए हैं, वह हरीश कुमार का है. पुलिस ने हरीश को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन, हरिश ने बताया कि उसने पांच फीसदी कमीशन पर अपना अकाउंट विपुल शर्मा को बेच दिया था. इसके बाद विपुल शर्मा को गिरफ्तार किया गया. विपुल ने बताया कि वह ठगों को बैंक अकाउंट मुहैया करवाने के लिए वह भी एक टेलीग्राम समूहों में शामिल हो गया. वह टेलीग्राम के द्वारा ओम प्रकाश के संपर्क में आया. फिर दिल्ली पुलिस ने ओमप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया.