बुढ़ापे चैन से कटे इसके लिए रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Planning) तो सभी करते हैं. लेकिन, बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो रोजमर्रा के खर्चों में ऐसे फंसे रह जाते हैं कि उन्हें बचत का मौका ही नहीं मिल पाता. कठिन समय के लिए पैसे जुटते नहीं और तब तक बुढ़ापा आ जाता है. ऐसे लोगों के लिए देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) ने धांसू प्लान उतारा है. अब बुढ़ापे में घर बैठे पैसे मिलेंगे और ‘आमदनी’ पर कोई टैक्स भी नहीं देना होगा.
एसबीआई ने रिवर्स मॉर्गेज स्कीम लांच की है, जो ऐसे बुजुर्गों के लिए बुढ़ापे की लाठी है जिन्होंने रिटायरमेंट के लिए पैसे नहीं बचाए हैं. सरकारी बैंक ऐसे लोगों को एक उम्र के बाद घर बैठे पैसे देगा, ताकि अपना रोजमर्रा का खर्च या इलाज करा सकें. बैंक इस पैसे को न तो वापस मांगता है और न ही खर्च के लिए मिले पैसों पर कोई टैक्स जमा करना पड़ता है.
क्या है रिवर्स मॉर्गेज स्कीम
एसबीआई की यह स्कीम खासकर बुजुर्गों को ध्यान में रखकर उतारी गई है. इसके तहत आवासीय संपत्ति के बदले बैंक पैसे देता है. रिवर्स मॉर्गेज का मतलब हुआ कि आपकी प्रॉपर्टी के बदले बैंक पैसे देगा. इस पर न तो कोई ब्याज लिया जाएगा और न ही ईएमआई चुकाने की जरूरत होगी. इतना ही नहीं मॉर्गेज की पूरी अवधि के दौरान मकान का मालिकाना हक भी बुजुर्गों के पास ही रहेगा और उन्हें वहां से निकाला भी नहीं जाएगा.
कैसे काम करता है यह लोन
मॉर्गेज लोन अमूमन 60 साल के बाद ही दिया जाता है. एसबीआई की मॉर्गेज लोन स्कीम 62 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए है. इसमें अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है. यह लोन प्रॉपर्टी के एवज में दिया जाता है, लेकिन सबसे अच्छी बात ये है कि इसे चाहें तो हर महीने किसी सैलरी या पेंशन की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बुजुर्ग दंपति होने पर पत्नी की उम्र भी कम से कम 55 साल होनी चाहिए.
क्या है इस लोन की खासियत
लोन के लिए अप्लाई करने वाले के नाम पर ही प्रॉपर्टी होनी चाहिए और उस पर कोई बकाया अथवा कर्ज नहीं होना चाहिए.
जिस प्रॉपर्टी के एवज में लोन ले रहे हैं, वह भी 20 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होनी चाहिए.
उसी प्रॉपर्टी पर रिवर्स मॉर्गेज लोन मिलेगा, जिस पर दंपति कम से कम 1 साल से रह रहे हों.
प्रॉपर्टी के आधार पर लोन की राशि तय होती है, जो 3 लाख से लेकर 1 करोड़ रुपये तक हो सकती है.
अगर प्रॉपर्टी का कोई होम लोन वगैरह चल रहा है तो आवेदन करने वाले को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जमा करना जरूरी होगा.
क्या हैं इसकी अन्य शर्तें
ज्यादातर बैंक मॉर्गेज लोन पर 2,000 से 20 हजार रुपये तक प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं.
यह लोन अधिकतम 15 की अवधि तक ही मिलता है.
लोन की राशि कहीं भी खर्च कर सकते हैं, इसके लिए किसी तरह का प्रतिबंध या नियम नहीं है.
इनकम टैक्स की धारा 10(43) के तहत मॉर्गेज लोन की राशि पूरी तरह टैक्स फ्री मानी जाती है.
लोन लेने वाले को इसका पैसा लौटाने की जरूरत नहीं होती, बल्कि मालिक या दावेदार के न रहने पर बैंक उस प्रॉपर्टी को बेचकर अपना पैसा वसूल लेते हैं.