एडमिशन : भारतीय छात्र आर्यन आनंद, जो महज अभी 19 वर्ष के हैं, उन्होंने पेनसिल्वेनिया के बेथलेहम में लेहाई यूनिवर्सिटी में फुल स्कॉलरशिप हासिल करने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स जमा किए थे. उसने एकेडमिक ट्रांस्क्रिप्ट, फाइनेंशियल स्टेटमेंट और यहां तक कि अपने पिता का फर्जी डेथ सर्टिफिकेट भी यूनिवर्सिटी में जमा किए थे, ताकि उसे फुल स्कॉलरशिप मिल सके. इस बात का खुलासा एक Reddit पोस्ट में हुआ है. इस खुलासे के बाद छात्र को इस महीने की शुरुआत में नॉर्थम्प्टन काउंटी में दोषी करार दिया गया है.
दरअसल, सच्चाई तब सामने आई जब एक Reddit मॉडरेटर ने आनंद की पोस्ट को फ्लैग किया जिसका शीर्षक था: “मैंने अपना जीवन और करियर झूठ पर बनाया है,” जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने फर्जी डॉक्यूमेंट्स यूनिवर्सिटी में पेश किए.
मॉडरेटर ने इसके बाद लेहाई यूनिवर्सिटी से संपर्क किया जब उन्होंने देखा कि यह एकमात्र विश्वविद्यालय था, जिसे आनंद प्लेटफॉर्म पर फॉलो करता था.
लेहाई में इनरोल आनंद को दो महीने पहले जालसाजी और सर्विस की चोरी के गंभीर मामलों सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और उसे 10 से 20 साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ा था. हालांकि, यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अनुरोध पर, उसकी सजा स्कूल से निष्कासन और भारत वापस निर्वासन तक सीमित रही.
नॉर्थम्प्टन काउंटी के सहायक डी.ए. माइकल वेनर्ट ने कहा, “वास्तव में इन बातों की पुष्टि करना काफी मुश्किल था. मुझे लगता है कि लेहाई और उनके पुलिस फोर्स ने बहुत बढ़िया काम किया है. वे वास्तव में गहराई से जांच करने में सक्षम थे और पाया कि यह सब वास्तव में झूठ था.” इस बीच, लेहाई यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर अपनी नैतिकता हॉटलाइन पर रिपोर्ट और लेहाई यूनिवर्सिटी पुलिस डिपार्टमेंट द्वारा की गई गहन जांच के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की, जिसके कारण आनंद की गिरफ्तारी हुई.