दिल्ली : भारत के कुल चार शहरों – दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई – को छात्रों के लिए क्वाक्वेरेली साइमंड्स बेस्ट सिटीज रैंकिंग के इस साल के एडिशन में जगह मिली है. इस रैंकिंग में दिल्ली 21 पायदान ऊपर चढ़कर छात्रों के लिए दूसरा सबसे किफायती शहर बन गया है. वहीं, बेंगलुरु ने 17 पायदान की महत्वपूर्ण छलांग लगाई और 130वें स्थान पर पहुंच गया, जिससे यह छात्रों के लिए सातवां सबसे किफायती शहर बन गया. सभी चार भारतीय शहर किफायतीपन के मामले में टॉप 30 में हैं. इसके अलावा, सभी भारतीय शहर नियोक्ता गतिविधि के मामले में टॉप 100 में शामिल हैं.
क्यूएस रैंकिंग के अनुसार, नौकरी देने वाले शहरों की लिस्ट में दिल्ली 57वें स्थान पर है. मुंबई 58वें, चेन्नई 96वें और बैंगलोर 100वें स्थान पर है. वहीं, रहने के लिहाज से अच्छे शहरों की लिस्ट में मुंबई 123वें, चेन्नई 127वें, दिल्ली 129वें और बैंगलोर 135वें स्थान पर है. मिश्रित छात्र आबादी वाले शहरों में, चेन्नई 145वें, दिल्ली 147वें, मुंबई 148वें और बैंगलोर 149वें स्थान पर है.
विश्वविद्यालयों का अंतर्राष्ट्रीयकरण अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है, इसलिए कोई भी भारतीय शहर छात्र मिश्रण के मामले में टॉप 100 में जगह नहीं बना पाया है. वे आकर्षण के मामले में भी टॉप 100 में जगह नहीं बना पाए, क्योंकि वर्तमान में केवल अपेक्षाकृत कम संख्या में अंतर्राष्ट्रीय छात्र भारत को पढ़ाई करने के लिए चुनते हैं.
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में, भारतीय संस्थानों में विदेशी छात्रों की कुल संख्या लगभग 46,000 थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत कम है. छात्र 170 देशों से आए थे, जिनमें नेपाल (28 प्रतिशत), अफगानिस्तान (7 प्रतिशत), संयुक्त राज्य अमेरिका (6 प्रतिशत), बांग्लादेश (6 प्रतिशत), संयुक्त अरब अमीरात (5 प्रतिशत) और भूटान (3 प्रतिशत) सबसे आगे थे.
ग्लोबल लेवल पर, लंदन ने लगातार छठे वर्ष दुनिया के सर्वश्रेष्ठ छात्र शहर के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा, उसके बाद टोक्यो दूसरे स्थान पर और सियोल तीसरे स्थान पर रहा. म्यूनिख चौथे स्थान पर चढ़ गया, जबकि मेलबर्न पांचवें स्थान पर खिसक गया. सिडनी, पेरिस, ज्यूरिख, बर्लिन और मॉन्ट्रियल क्रमशः छठे, सातवें, आठवें, नौवें और दसवें स्थान पर हैं. रैंकिंग में सबसे अधिक शहर चीन के हैं, उसके बाद ताइवान के पांच तथा भारत और इंडोनेशिया के चार-चार शहर हैं.