भारत में इस बार लहसुन की पैदावार कम होने की वजह से इसके दाम आसमान छू रहे हैं. देश की मंडियों में बार तो लहसुन के भाव 40 हजार रुपये क्विंटल (Garlic Price) तक पहुंच गया था. हालांकि, अब इसमें थोड़ी कमी आई है. भारत में कीमतों में इजाफा होने पर अब तस्कर चीन से लहसुन भारत ला रहे हैं. चीन से लहसुन पहले नेपाल लाया जा रहा है और फिर उसे बिहार के रास्ते देश की कई शहरों में भेजा जा रहा है. बिहार के बेतिया जिले के एक गांव में तस्करी कर लाए गए 64 टन लहसुन की सशस्त्र सीमा बल द्वारा बरामदगी करने के बाद यह मामला खुला है.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के बेतिया जिले में चीन से लहसुन लाया गया था. इसे नेपाल के रास्ते बिहार के बेतिया जिले में लाया गया है. बेतिया के पुरैनिया गांव में नेपाल सीमा पर तैनात सशस्त्र सीमा बल (SSB) और कस्टम विभाग के अधिकारियों ने छापा मारा तो आठ ट्राली लहसुन बरामद हुआ. इसका कुल वजन करीब 64 टन है. इस कार्रवाई में 3 तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है. लहसुन के साथ-साथ 50 लाख की कॉस्मेटिक सामग्री भी बरामद की गई है.
एसएसबी और कस्टम विभाग ने की छापेमारी
एसएबी की 47 वीं बटालियन के इंस्पेक्टर संजय कुमार शाह ने बताया कि गुप्त सूचना पर SSB और कस्टम विभाग के अधिकारियों ने सिकटा के पुरैनिया गांव में छापेमारी की. इसमें भारी मात्रा में लहसुन और कॉस्मेटिक सामग्री बरामद की गई है. सभी जब्त ट्रैक्टरों, लहसुन, कॉस्मेटिक सामग्री को मोतिहारी कस्टम विभाग कों सौप दिया गया है. पूछताछ में पता चला कि चीन से लहसुन की बड़ी खेप नेपाल पहुंच रही है.
भारत में दोगुना दाम
चीन से नेपाल आया लहसुन 100 रुपये किलो मिल जाता है. वहीं, भारतीय बाजार में लहसुन की कीमत इससे करीब तीन गुना तक ज्यादा है. भाव में भारी अंतर होने से नेपाल के रास्ते चीनी लहसुन को भारतीय बाजारों में बेचने पर तस्करों को खूब मुनाफा होता है. इसी वजह से नेपाल के रास्ते चाइनीज लहसुन की तस्करी हो रही है.
यूपी-बिहार के बाजारों में बिक्री
नेपाल के रास्ते आए इस लहसुन को यूपी और बिहार के बड़े बाजारों में बेचने की योजना थी. SSB की इस कार्रवाई से इंडो-नेपाल बार्डर की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर इतनी मात्रा में लहसुन भारतीय सीमा में आया कैसे.