माइलेज : काफी सारे कार मालिकों को हमेशा ये शिकायत रहती है कि, उनकी कार माइलेज नहीं देती है. इसकी वजह से हर महीने उन्हें कई बार फ्यूल टैंक फुल करवाना पड़ता है. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी होती है. हालांकि क्या आप जानते हैं कि क्लच और गियर अप्लाई करने की गलती की वजह से भी आपकी कार का माइलेज प्रभावित हो जाता है. ऐसे में आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें जानने के बाद आप बड़ी आसानी से अपनी कार का माइलेज बढ़ा सकते हैं.
अधिक देर तक क्लच दबाए रखना: जब आप रुकते हैं या धीमी गति से चलते हैं, तो क्लच पूरी तरह से छोड़ दें. इसे आधा दबाए रखने से क्लच प्लेट और दबाव प्लेट घिसती रहती हैं, जिससे ईंधन की खपत बढ़ती है.
जल्दी गियर बदलना: इंजन को ज़्यादा RPM पर रखने से ईंधन की खपत बढ़ती है. कम गति पर हाई गियर में जाने से इंजन पर ज़ोर पड़ता है और माइलेज कम होता है.
अनुचित गियर का चुनाव: गलत गियर चुनने से इंजन ज़्यादा मेहनत करता है और ईंधन की खपत बढ़ती है.
अचानक ब्रेक लगाना: अचानक ब्रेक लगाने से ज़रूरत से ज़्यादा ईंधन की खपत होती है.
सही तरीका:
समय पर गियर बदलें: जैसे ही इंजन की आवाज ज़्यादा होने लगे, तुरंत ऊंचे गियर में जाएं.
अनुमान लगाकर ड्राइव करें: थोड़ा आगे देखकर ड्राइव करें और ट्रैफिक के अनुसार गति को समायोजित करें. इससे आपको अचानक ब्रेक लगाने से बचने में मदद मिलेगी.
एंजिन ब्रेकिंग का उपयोग करें: जब आप धीमी गति से आ रहे हों, तो क्लच दबाने के बजाय इंजन ब्रेकिंग का उपयोग करें.
टायरों की हवा का दबाव सही रखें: कम हवा वाले टायरों से रोलिंग रेजिस्टेंस बढ़ता है, जिससे ईंधन की खपत बढ़ती है.
नियमित रखरखाव: अपनी कार का नियमित रखरखाव करवाएं, जिसमें तेल और फिल्टर बदलना शामिल है.
इन टिप्स को फॉलो करके आप अपनी कार का माइलेज 10-20% तक बढ़ा सकते हैं.
यह भी ध्यान रखें:
ड्राइविंग शैली मायने रखती है: आक्रामक ड्राइविंग, जैसे तेज़ी से गति करना और अचानक ब्रेक लगाना, ईंधन की खपत को काफी बढ़ा सकता है.
कार का वजन: भारी कारें हल्की कारों की तुलना में कम माइलेज देती हैं.
ट्रैफिक: शहर में गाड़ी चलाने से हाईवे पर गाड़ी चलाने की तुलना में कम माइलेज मिलता है.
अंत में:
ईंधन की खपत को कम करने और माइलेज बढ़ाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है कि आप अपनी ड्राइविंग शैली में बदलाव करें.
थोड़ा ध्यान और अभ्यास से आप अपनी कार का माइलेज काफी हद तक बढ़ा सकते हैं, जिससे पैसे और पर्यावरण दोनों की बचत होगी.