हरियाणा सरकार किसानों के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के इस मसले पर सुनवाई से इनकार के बाद राज्य सरकार यह कदम उठा सकती है. दरअसल, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच कर रहे हैं.
उधर,किसानों के दिल्ली मार्च के बीच सूत्रों से बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सरकार अभी भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. सरकार ने अधिकारियों को बातचीत का रोडमैप बनाने के निर्देश दिया है ताकि समस्या का समाधान जल्दी निकले. चौथे दौर की बातचीत में उर्वरकता पर ध्यान देने का मुद्दा उठाया था. सरकार ने अरहर, उड़द और मसूर पर 100% खरीदने के लिए तैयार होने की बात भी कही थी और ये सरकार लिखित में भी देने को तैयार थी, लेकिन किसान इस पर सहमत नहीं हो सके.
कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने की ये अपील
-किसान संगठन शांति बनाए रखें
-चर्चा से समाधान निकालना है
-सरकार ने चर्चा करने की कोशिश की
-वे चर्चा से संतुष्ट नहीं हैं
-शांतिपूर्वक समाधान निकालनी चाहिए
बता दें कि किसान यूनियन नेताओं ने सोमवार को सरकारी एजेंसियों द्वारा पांच साल के लिए एमएसपी पर दालें, मक्का और कपास खरीदने के केंद्र के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह किसानों के हित में नहीं है. यह घोषणा किसान नेता सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह दल्लेवाल ने बैठक के बाद की.