डॉ. मनीषा वर्मा कहती हैं कि व्रत का ये मतलब कतई नहीं है कि पूरे दिन पानी की बूंद भी न पीएं और शाम को भरपेट भोजन करें. इस दिन कुछ ऐसी चीजें फलाहार में लें जिससे टॉक्सिंस बाहर निकलें और स्फूर्ति बनी रहे. इसलिए दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में करीब 3 बार कुछ-कुछ खाना चाहिए.
फलाहार में सबसे जरूरी है पेय पदार्थ. कुछ भी खाने से पहले या बाद में किसी भी फल का जूस, छाछ, नीबू पानी, नारियन पानी या ग्लूकोज वॉटर, इनमें से जो भी आपके पास उपलब्ध हो जरूर लें. ग्रीन टी भी ले सकते हैं लेकिन चाय-कॉफी न पीएं तो बहुत ही अच्छा रहेगा.
व्रत में वैसे तो मौसमी फल खाएं लेकिन ध्यान रखें कि केला हर मौसम में मिल भी जाता है, इसलिए इस फल को व्रत में जरूर खाएं. यह एनर्जी का सुपर डोज है. इसके अलावा खाते ही तुरंत एनर्जी भी देता है. इसे खाने के बाद भूख भी कम लगती है. इसे आप दही के साथ मिक्स करके भी खा सकते हैं.2
व्रत के दिन कोशिश करें कि आपकी थाली में 3 फल जरूर हों. दूसरा फल आप सेब चुन सकते हैं. जबकि तीसरा फल कोई भी मौसमी फल चुन लें, चाहे अनार, संतरा, बेर, अमरूद या अनार. सेब भी ऊर्जा का भंडार है, कार्बोहाइड्रेट सहित कई चीजें इसमें होती हैं.
इस दिन ज्यादा नहीं लेकिन मुट्ठीभर काजू, बादाम, अखरोट और किशमिश मिलाकर जरूर खाएं. इन्हें खाने से जरूरी पर्याप्त पोषण तत्व आपके शरीर को मिल जाते हैं और अंदर भी भोजन की कमी नहीं रहती. ये न्यूट्रीशन का भंडार हैं.
आखिरी और पांचवी जो सबसे जरूरी चीज है वह ये कि शाम को पूर्ण फलाहार में आप आलू की जगह लौकी का इस्तेमाल तो कर ही सकते हैं, लेकिन इस दौरान दही जरूर आपकी थाली में हो. दही कई चीजों की पूर्ति कर देता है. चाहे आप साबूदाने या समां के चावल का बना कुछ खा रहे हैं या कुट्टू के आटे का लेकिन दही के साथ खाएं.