हम सभी हर दिन भोजन करते हैं. तरह-तरह की चीजें बनाकर खाते हैं. भोजन को पकाने के तरीके भी अलग-अलग हैं. वैसे तो आमतौर पर अधिकतर लोग गैस चूल्हा, स्टोव आदि पर ही खाना बनाते हैं, लेकिन आज कई तरह की तकनीक आने और तरह-तरह के कुकिंग यूटेंसिल्स आने से लोग इनका भी खूब इस्तेमाल करते हैं. कोई नॉन-स्टिक बर्तन में खाना पकाता है तो कोई ओवन का इस्तेमाल करता है. क्या आप जानते हैं कि कुछ कुकिंग मेथड बेहद नुकसानदायक होते हैं? हम आपको बताने जा रहे हैं तीन तरह के कुकिंग मेथड के बारे में जिन्हें आपको अवॉएड करना चाहिए. कौन से हैं वे खाना पकाने के तरीके, जिनसे परहेज करना चाहिए और क्यों, जानते हैं यहां.
कुकिंग मेथड जिनसे करना चाहिए परहेज
एयर फ्राइंग: न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करके तीन तरह के कुकिंग मेथड को ना इस्तेमाल करने की सलाह दी है. इसमें से एक है एयर फ्राइंग. आजकल एयर फ्राइंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. इसमें लोग मांस-मछली और पनीर जैसे खाद्य पदार्थ को तलते या सेखते हैं. इसके कारण ये खाद्य पदार्थ कम पौष्टिक हो सकते हैं. एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड-प्रोडक्ट्स (AGEs) तब बनते हैं, जब खाद्य पदार्थ उच्च तापमान और एयर फ्राइंग जैसी ड्राई कुकिंग मेथड के संपर्क में आते हैं. साथ ही, एयर फ्रायर भोजन पकाने के लिए सर्कुलेटिंग गर्म हवा का उपयोग करते हैं. कभी-कभी इसके परिणामस्वरूप खाना पकाने में असमानता हो सकती है. भोजन हेल्दी नहीं रहता है.
ग्रिलिंग: बेशक आपको ग्रिल में मीट, मछली, चिकन पका कर खाना खूब पसंद है और ग्रिलिंग भोजन पकाने का एक स्वादिष्ट तरीका हो सकता है, लेकिन उच्च तापमान और ओपेन फ्लेम पर ग्रिल करने से हेट्रोसाइक्लिक एमाइन (एचसीए) और पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (पीएएच) नामक संभावित हानिकारक यौगिकों (Compounds) का निर्माण हो सकता है.
नॉन-स्टिक में खाना पकाना: नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल अब लोग रेगुलर बेसिस पर करने लगे हैं. इस कुकिंग यूटेंसिल पर पॉलीटेट्राफ्लुओरोएथिलीन (पीटीएफई) की कोटिंग होती है, जिसे आमतौर पर टेफ्लॉन के नाम से जाना जाता है. इन तवे को अधिक गर्म करने या उन पर धातु के बर्तनों का उपयोग करने से जहरीले धुएं और कण निकल सकते हैं. ये सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं. ऐसे में आप जितना कम हो सके, इन तीन कुकिंग मेथड को अपनाने से बचें.