हरे पत्तेदार सब्जियों की बात करें तो सबसे पहले पालक, मेथी, बाथुआ और सरसों का साग जैसी सब्जियों का ध्यान आता है. लेकिन पोषक तत्वों से भरपूर पत्तेदार सब्जी पालक और केल को सुपरफूड के रूप में लेबल किया जाता है. हालांकि बहुत लोग केल सब्जी के नाम और स्वाद से रूबरू नहीं भी हैं. पालक को हर कोई जानता है. कई बार लोग केल और पालक को कच्चा सलाद में मिलाते हैं और उनका सेवन करते हैं. लेकिन क्या पालक या केल को कच्चा खाना सही है.
तो आइए आज इस लेख में हेल्थलाइन के अनुसार जानते हैं कि केल और पालक को कच्चा खाना आपके लिए सही है या फिर पका कर. तो वहीं आपको केल मे मौजूद पोषक तत्वों और इसके फ़ायदों से भी वाकिफ करवाते हैं. इससे पहले बता दें कि केल और पालक पत्तेदार सब्जियां है जो हरे और बैंगनी रंग में मिलती है और बहुत लोग इसे पकाकर खाते हैं तो ज्यादातर लोग सलाद और स्मूथीज़ में कच्चा ही इस्तेमाल करते हैं.
केल के पोषक तत्व
केल पोषक तत्वों से भरपूर हरी सब्जी है जिसमें बहुत कम कैलोरी और काफी मात्रा में विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं. उदाहरण के लिए 1 कप (21 ग्राम) कच्चा केल में कैलोरी केवल 7 होती है लेकिन विटामिन ए सी और ‘के’ का ये बेस्ट सोर्स हैं. इसके साथ ही केल में मैंगनीज, कैल्शियम, कॉपर, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे न्यूट्रीएंट्स भी होते हैं.
कच्चे केल में होता है ज्यादा गोइट्रिन
कच्चा केल खाना ज्यादा पोषक हो सकता है लेकिन यह आपके थायराइड के फंक्शन को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि कच्चे केल में काफी मात्रा में गोइट्रिन मौजूद होता है जो थायराइड कार्य में बाधा डालने का काम करता है. दरअसल गोइट्रिन्स आयोडीन के अवशोषण को कम करने का काम करता है जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक होता है. जिसके चलते आपको वजन बढ़ना, ठंडे के प्रति संवेदनशीलता और हार्ट रेट में अनियमितता जैसी दिकक्त हो सकती है.
पकाने से कम होता है पोषण
कच्चा केल या पालक खाने में कड़वा महसूस होता है, जिसकी वजह से ज्यादातर लोग इसे पकाकर खाना पसंद करते हैं. क्योंकि केल को पकाकर खाने से इसका कड़वापन काफी हद तक कम हो जाता है. लेकिन स्टडी के अनुसार केल को पकाकर खाने से इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन और तमाम तरह के मिनिरल्स की मात्रा कम हो सकती है.
इस तरीके से करें डाइट में शामिल
पोषक तत्वों से भरपूर केल सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है हालांकि कच्चे केल में गोइट्रिन की मात्रा काफी होती है. लेकिन इसके बावजूद रिसर्च कहती है कि सीमित मात्रा में कच्चे केल को डाइट में शामिल करने से आपके थायराइड पर प्रभाव नहीं पड़ता है. ऐसे में केल के पोषक तत्वों का फायदा उठाने के लिए डाइट में सीमित मात्रा में कच्चा और पका हुआ केल दोनों तरह से शामिल किया जा सकता है. केल को स्टीम करके खाना भी बेहतर ऑप्शन हो सकता है.