दही की तासीर ठंडी होती है. आयुर्वेद में इसे ठंडा मानकर सर्दी में कम खाने की सलाह दी जाती है. इसके बावजूद सर्दी में दही खाने को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन लोगों के दिमाग में रहते हैं. सबसे पहले तो यह जानना चाहिए कि दही हमारे लिए बेहद पौष्टिक खाद्य पदार्थ है. दही में लेक्टोबैसिलस बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे पाचन तंत्र को बहुत मदद करते हैं. इस बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक माना जाता है. यानी यह हमारा दोस्त है. इसकी मदद से पाचन की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाती है. इसलिए विज्ञान कहता है कि सर्दी के मौसम में दही को पूरी तरह से थाली से गायब नहीं करना चाहिए. हां, कुछ मामलों में दही खाने की मनाही की जाती है.
अपोलो अस्पताल, बेंगलुरु में चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि दूध में जब लेक्टोबेसिल्स बैक्टीरिया को डाला जाता है तो ये बैक्टीरिया दूध को फर्मेंटेड कर देते हैं. इससे दही में कई तरह की अच्छी चीजें शामिल हो जाती है. इसमें असंख्य गुड बैक्टीरिया की संख्या होती है जो न सिर्फ पाचन तंत्र बल्कि ऑवरऑल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. दही में कैल्शियम, प्रोटीन के साथ विटामिन बी 12, पोटैशियम और मैग्नीशियम आदि पाया जाता है. 100 ग्राम दही में 3.5 ग्राम प्रोटीन पाया जाता है. इसके अलावा कई अन्य तरह के पोषक तत्व इसमें मौजूद होते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि दही उत्तम क्वालिटी वाला प्रोबायोटिक है.
सर्दी में कितना नुकसान
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि मेडिकल साइंस में दही और सर्दी को लेकर कोई खास चर्ची नहीं है. लेकिन कुछ मामलों में दही को खाने से मना किया जाता है. अगर आपको पहले से सांसों से संबंधित बीमारियां हैं, सर्दी-खांसी हैं तो दही का सीमित मात्रा में सेवन करें. इसका ज्यादा सेवन करने से नुकसान हो सकता है लेकिन जो लोग हेल्दी हैं, सांसों से संबंधित बीमारियां नहीं हैं, उन्हें सर्दी हो या गर्मी दही खाने से फायदा ही होता है, नुकसान नहीं. दूसरी ओर यदि आप रात में दही का सेवन ज्यादा करते हैं तो इससे म्यूकस बनने की आशंका ज्यादा रहती है. हालांकि यह भी सबको हो, जरूरी नहीं. इसलिए दही का सेवन लंच के समय करना ज्यादा बेहतर रहता है. डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि अगर उन्हें लगता है कि दही से नुकसान हो रहा है तो उन्हें दही में हींग का छौंक लगाकर खाना चाहिए.