सर्दी: उपहाड़ी इलाकों में सर्दियों में विशेष तौर से खाया जाने वाला मडुवा शरीर को गर्मी प्रदान करता है साथ ही शरीर को कई बीमारियां से बचाता है. मडूवे के आटे में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, मिथियोनिन, लेसिथिन जैसे पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं. मडुवे की तासीर गर्म होती है. साथ ही मडुवे का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती है . डॉ. दुग्ताल बताते हैं कि ठंड के दिनों में मडूवे को अपनी डाइट में शामिल करना आपके शरीर के लिए लाभप्रद होगा.
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सर्दियों में पहाड़ों में खाए जाने वाली भट की दाल स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक है. डॉ. दुग्ताल बताते हैं कि भट की दाल प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. पहाड़ों में खाई जाने वाली भट की चुड़कानी भात लाजवाब स्वाद के साथ हीं शरीर को गर्मी प्रदान करता है. और कई पोषक तत्वों की खान है.
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डॉक्टर दुग्ताल बताते हैं कि राजमा की दाल प्रोटीन का वेजिटेरियन सोर्स है. इसके साथ ही राजमा में एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर, आयरन, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, सोडियम समेत कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. ठंड के दिनों में राजमा को डाइट में शामिल करना शरीर के लिए बेहद लाभदायक है. राजमा का सेवन पाचन, हड्डियों, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज, जैसे रोगों के लिए भी बेहद कारगर है
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पहाड़ों में सर्द मौसम में खाई जाने वाली पहाड़ी गहत की दाल स्वाद में बेहद लजीज होने के साथ ही शरीर के लिए रामबाण है. डॉ. दुग्ताल बताते हैं कि इस दाल में प्रोटीन की अधिकता होने के कारण ये शरीर को ऊर्जा देती है. और शरीर की गंदगी को बाहर निकालती है. यही वजह है की पथरी के रोग में इसे औषधि के रूप में खाया जाता है. साथ ही पहाड़ी गहत की तासीर बेहद गर्म होती है. जो ठंड में शरीर को गर्मी प्रदान करती है.