आज पेश होने वाले अंतरिम बजट से सभी वर्ग को कुछ न कुछ उम्मीदें है. वरिष्ठ नागरिक भी बजट से कई उम्मीदें हैं. उनमें से एक रेलवे से संबंधित है. चूंकि लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. इसलिए उन्हें अधिक संभावना है कि शायद ट्रेनों में दी जाने वाली छूट दोबारा से बहाल हो जाए. यह छूट कोरोना के समय बंद कर दी गयी थी.
रेल से सफर करने वाले वरिष्ठ नागरिकों को किराए में दी जाने वाली रियायत का लंबे समय से इंतजार है. कोरोना से पहले रेलवे सीनियर सिटीजन समेत कई तरह की रियायत देता था, लेकिन कोरोना के दौरान सभी तरह की छूट को बंद कर दिया गया था. मौजूदा समय केवल बीमार और छात्रों को रियायत मिल रही है. इस बजट में वरिष्ठ नागरिकों को उम्मीद है कि चुनाव से पहले सरकार शायद किराए में छूट का तोहफा दे दे. हालांकि इस संबंध में रेलमंत्री पूर्व में जानकारी दे चुके हैं.
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव पूर्व में बता चुके हैं कि रेलवे द्वारा यात्रियों को टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रहा है, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए लगभग 53 फीसदी की औसत रियायत है. मसलन उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि अगर औसतन यात्री की 110 रुपये का टिकट होता है, तो उससे केवल 45 रुपये ही लिए जाते हैं, इस तरह सभी यात्रियों को पहले से ही छूट दी जा रही है.
ये मिलती थी छूट
रेलवे सफर के दौरान पुरुष वरिष्ठ नागरिक को 60 साल की उम्र के बाद 40 फीसदी और महिलाओं को 58 साल की उम्र के बाद 50 फीसदी की छूट सभी श्रेणियों में मिलती थी. हालांकि पिछले पूर्व में एक कमेटी ने रेलवे को रिपोर्ट दी थी कि वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणी में छूट न देकर केवल स्लीपर श्रेणी में दी जा सकती है. माना जाता है कि इस श्रेणी में चलने वाला व्यक्ति संपन्न वर्ग से नहीं आता है. इसलिए छूट देनी चाहिए.