हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है. इसमें तमाम चीजें होती हैं और उनका बैलेंस बिगड़ने पर पूरा सिस्टम गड़बड़ हो जाता है. ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हीमोग्लोबिन समेत कई चीजों का स्तर सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो समस्या पैदा होने लगती है. इन्ही में से एक यूरिक एसिड होता है. यूरिक एसिड हमारे लिवर में बनता है और पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाता है. हालांकि कई बार यूरिक एसिड की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है, तो परेशानी होने लगती है. यूरिक एसिड अत्यधिक बढ़ जाए, तो शरीर के छोटे जॉइंट्स में जमा होकर गाउट की समस्या पैदा कर सकता है. इससे किडनी स्टोन और किडनी फेलियर का सामना करना पड़ सकता है. इसे कंट्रोल करना बहुत जरूरी है.
नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. अमरेंद्र पाठक के मुताबिक यूरिक एसिड हमारे शरीर के लिए जरूरी तत्व होता है, लेकिन इसकी मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाए, तो यह परेशानी की वजह बन सकता है. आमतौर पर वयस्क महिलाओं में यूरिक एसिड 2.5 से 6 mg/dL के बीच हो, तो इसे नॉर्मल माना जाता है. वयस्क पुरुषों के शरीर में 3.5 से 7 mg/dL तक यूरिक एसिड सामान्य माना जाता है. इससे ज्यादा होने पर लोगों को इसे कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए. यूरिक एसिड की समस्या का पता शुरुआत में ही लगा लिया जाए, तो इसे कुछ महीनों में पूरी तरह सामान्य किया जा सकता है. इसलिए लोगों को समय समय पर यूरिक एसिड टेस्ट करवाना चाहिए. खासतौर से बढ़ती उम्र में इसकी मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है.
यूरोलॉजिस्ट की मानें तो शुरुआत में यूरिक एसिड को बिना दवाओं के कंट्रोल किया जा सकता है. इसके लिए लोगों को रेड मीट समेत नॉन वेज फूड्स से दूरी बना लेनी चाहिए. हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन भी कम करना चाहिए और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इसके अलावा नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए. यूरिक एसिड ज्यादा हो, तो लोगों को इन सभी बातों के अलावा डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं सही तरीके से लेनी चाहिए और समय-समय पर यूरिक एसिड का टेस्ट करवाना चाहिए. कई बार लिवर और किडनी की फंक्शनिंग बिगड़ने पर यूरिक एसिड बढ़ जाता है. ऐसी कंडीशन में डॉक्टर पहले उस समस्या का निदान करेंगे, जिससे यूरिक एसिड बढ़ता हो. इसके बाद यूरिक एसिड कंट्रोल करने में मदद करेंगे. नेचुरल तरीकों से यूरिक एसिड से छुटकारा पाना संभव है.