टोल टैक्स : हाल ही में हुए एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने खराब सड़कों पर टोल वसूलने वालों पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि अगर अच्छी सड़कें और सेवाएं मुहैया नहीं कराई जा रहीं, तो टोल टैक्स (Toll Tax) वसूलना गलत बात है। आइए नीचे खबर में जान लेते है इस बारे में विस्तार से…
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी खराब सड़कों पर टोल वसूलने वालों पर खासे नाराज नजर आए। उनका कहना है कि अगर अच्छी सड़कें और सेवाएं मुहैया नहीं कराई जा रहीं, तो टोल टैक्स (Toll Tax) वसूलना गलत बात है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने टोल प्लाजा (Toll Plaza) पर लगने वाली कतारों पर भी चिंता जाहिर की। हालांकि, खबरें हैं कि NHAI नई व्यवस्था के तहत टोल गेट्स हटाने की तैयारी कर रहा है।
सैटेलाइट बेस्ड टोलिंग पर आयोजित वर्कशॉप (workshop) में शामिल हुए गडकरी ने टोल टैक्स पर खुलकर बात की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘अगर आप अच्छी सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं तो आपको टोल चार्ज (toll charge) नहीं करना चाहिए…। हम यूजर फीस लेने और अपने हितों की रक्षा के कारण टोलिंग (Tolling) करने में जल्दी में रहते हैं। जब किसी सड़क की स्थिति अच्छी नहीं होती, तो मेरे पास कई शिकायतें आती हैं और सोशल मीडिया पर कई पोस्ट हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आप जहां बहुत अच्छी क्वालिटी की रोड बना रहे हैं, वहां आपको यूजर फीस लेना चाहिए। अगर आप गड्ढों, मिट्टी की सड़क पर टोल ले रहे हैं, तो आपको लोगों की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग एजेंसियों के अधिकारियों को टोल प्लाजा पर इंतजार करने वालों के ‘दर्द’ पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही उन्होंने ऐसे मैकेनिज्म पर भी बात की, जिसके चलते शिकायत दर्ज कराने और उसे खत्म करने में कम से कम समय लगे।
गडकरी ने यह भी कहा कि वैश्विक नेविगेशन उपग्रह प्रणाली (GNSS) पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह लागू होने पर देश में कुल टोल संग्रह कम-से-कम 10,000 करोड़ रुपये बढ़ जाएगा। भारत में कुल टोल संग्रह सालाना आधार पर 35 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 64,809.86 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। इस महीने की शुरुआत में एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर उपग्रह-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के कार्यान्वयन के लिए दुनियाभर से रुचि पत्र आमंत्रित किए हैं।
इस कदम का उद्देश्य राजमार्गों पर भौतिक टोल बूथ को खत्म करना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मौजूदा फास्टैग व्यवस्था के भीतर ही जीएनएसएस-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ईटीसी) प्रणाली को लागू करने की योजना बना रहा है। इसमें शुरुआत में हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जहां आरएफआईडी-आधारित ईटीसी और जीएनएसएस-आधारित ईटीसी दोनों एक साथ काम करेंगे। गडकरी ने यह भी सुझाव दिया कि राज्य परिवहन बसों को राजमार्गों पर टोल का भुगतान करने से छूट दी जानी चाहिए।