ट्रेन यात्रियों को मिली राहत, किराए में होगी इतनी छूट

ट्रेन यात्रियों को मिली राहत, किराए में होगी इतनी छूट

ट्रेन : इस बार केंद्र में कमजोर सरकार बनी है। कांग्रेस मजबूत होकर आई है। इसी कांग्रेस पार्टी के एक सांसद कार्ती चिदंबरम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर रेल यात्रा में सीनियर सिटीजन को मिल रही छूट को बहाल करने की मांग की है। हालांकि अभी तक इस पत्र पर रेल मंत्रालय का कोई रिस्पांस नहीं दिख रहा है। लेकिन माना जा रहा है कि अब रेलगाड़ियों में वरिष्ठ नागरिकों को फिर से सम्मान मिलेगा।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

केंद्र में एक बार फिर से नई सरकार का गठन हो चुका है। हालांकि, इस बार भी भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन या एनडीए (NDA) की ही सरकार बनी है। लेकिन इस बार भाजपा (BJP) सरकार में बहुमत नहीं बल्कि अल्पमत में है। सहयोगियों के भरोसे ही इस बार सरकार की नैया पार लगेगी। इसलिए माना जा रहा है आम जनता से जुड़े कुछ अलोकप्रिय फैसले जो पिछली सरकार में लिए गए थे, उन्हें बदला जा सकता है। इन्हीं फैसलों में शामिल है रेलगाड़ियों में सीनियर सिटीजन (Senior Citizens) को छूट या कंशेसन देने का। इसे बदलने के लिए कांग्रेस के सिवगंगा (तमिलनाडु) से सांसद कार्ती चिदंबरम (Karti P Chidambaram) ने रेल मंत्री को पिछले दिनों एक पत्र भी लिखा है।

क्यों जगी है आस?
पिछले आम चुनाव में कांग्रेस (Congress) मजबूत होकर संसद में आई है। इसी पार्टी के सिवगंगा से सांसद कार्ती चिदंबरम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि सीनियर सिटीजन को मिल रही छूट (Senior Citizen Concession) को एक बार फिर से बहाल करने की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए कई तर्क दिए हैं। गौरतलब है कि साल 2022 के अगस्त में रेलवे पर संसद की स्थायी समिति ने भी सिफारिश की है कि ट्रेन में यात्रा के दौरान सीनियर सिटीजन को मिल रही छूट को बहाल करने पर विवेकपूर्ण तरीके से विचार किया जाना चाहिए।

कब से छूट वापस ली गई

रेल यात्रा (Railway Journey) में वरिष्ठ नागरिकों, युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों की विधवा, खिलाड़ियों, किसानों, पत्रकारों, युवाओं आदि को बरसों से छूट मिल रही थी। लेकिन कोरोना काल में रेलवे (Ministry of Railways) ने साल 2020 के मार्च में ही यह छूट वापस ले ली थी। दरअसल उस समय कोरोना भारत में विकराल रूप ले रहा था। तब मार्च के अंतिम सप्ताह में देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था। उससे ठीक पहले, 20 मार्च 2020 को एक आर्डर निकाल कर ट्रेन में मिलने वाली तमाम छूट को अगले आदेश के लिए निरस्त कर दिया गया था।

रेल मंत्री का क्या है कहना

रेल मंत्री (Railway Minister) अश्विनी वैष्णव सीनियर सिटीजन को फिर से छूट दिये जाने के सवाल पर बार-बार इंकार करते रहे हैं। उन्होंने बीती सरकार के दौरान संसद में भी बताया था कि टिकट किराए में कुछ श्रेणियों के लोगों को दी जाने वाली छूट या रियायतों को बहाल करने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है। कई बार पत्रकारों से औपचारिक-अनौपचारिक बातचीत में भी वह इसे फिर से बहाल करने से इंकार ही करते रहे हैं।

क्या अभी ट्रेन में किसी को छूट नहीं मिलती

इस समय ट्रेन में मिलने वाले हर तरह के कंशेसन को खत्म नहीं किया गया है। इस समय दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों और छात्रों की 11 श्रेणियों को छूट मिल रही है। लेकिन सीनियर सिटीजन, किसान या पत्रकार आदि के छूट को अभी तक बहाल नहीं किया गया है।

सीनियर सिटीजन को कितनी मिलती थी छूट?

कोरोना काल से पहले रेलवे के सभी ट्रेनों में सीनियर सिटीजन को टिकट के मूल किराये पर 50 फीसदी तक की छूट मिला करती थी। रेलवे में 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके पुरुषों और 58 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं को सीनियर सिटीजन माना जाता है। कोरोना काल से पहले तक राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी, दूरंतो एक्सप्रेस समेत सभी मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पुरुषों को मूल किराये में 40 फीसदी जबकि महिलाओं को बेस फेयर में 50 फीसदी की छूट दी जाती थी।

और किन्हें मिलती थी छूट?

ट्रेन में पहले कई तरह के कंशेसन मिलते थे। इनमें युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की विधवा, आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों और अर्द्धसैनिक की विधवा, आतंकवादियों और उग्रवादियों के विरुद्ध कार्रवाई में शहीद हुए पुलिस कर्मियों और अर्द्धसैनिक की विधवा, श्रीलंका में कार्रवाई के दौरान शहीद हुए आईपीकेएफ कर्मी की विधवा और 1999 में कारगिल में ऑपरेशन विजय में शहीद हुए जवानों की विधवा को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 75 फीसदी की छूट मिलती थी।

किसानों को भी मिलती थी छूट

ट्रेन के यात्रा के लिए किसानों के लिए भी छूट का प्रावधान था। किसान यदि किसी कृषि/औद्योगिक प्रदर्शनी में जाते हैं तो उन्हें सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 25 फीसदी, सरकार द्वारा प्रायोजित विशेष गाड़ियों में यात्रा करने वाले किसानों को सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 33 फीसदी, बेहतर फार्मिंग/डेयरी अध्ययन/ प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों का दौरा करने के लिए किसान एवं दुग्ध उत्पादकों को सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी।

युवाओं को भी छूट

राष्ट्रीय युवा परियोजना और मानव उत्थान सेवा समिति के शिविर में हिस्सा लेने के लिए जाने वाले युवाओं को सैकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की नौकरी में इंटरव्यू के लिए जाने वाले बेरोजगार युवाओं को सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी। इसके अलावा स्काउटिंग ड्यूटी के लिए भारत स्काउट एवं गाइड्स के युवाओं को सेकेंड क्लास और शयनयान श्रेणी में 50 फीसदी की छूट मिलती थी।

Hindi News Haryana

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *