छुट गई 100 करोड़ की नौकरी, अब अपनी आईआईटी स्किल्स के जरिए बनाएगा कंपनी

भारत में आईआईटी से पढ़ाई के बाद हर लड़के का करियर सेट हो जाता है. अच्छी कंपनी, मोटी सैलरी, देश या विदेश में नौकरी और क्या चाहिए. लेकिन, एक हकीकत यह भी है कि आईआईटी जैसे संस्थानों से निकले कई युवाओं ने अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर बिजनेस करने का रिस्क लिया और बड़ी कामयाबी पाई. इनमें फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल और बिन्नी बंसल, भाविश अग्रवाल समेत कई नाम शामिल हैं, जिन्होंने इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम में बड़ा मकाम हासिल किया. इसी कड़ी में हम आपको एक ऐसे युवा उद्यमी की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं जिसकी कहानी भी कुछ ऐसी ही है बस थोड़ी अलग है. इस युवा ने जॉब छोड़ी नहीं बल्कि इनसे इस्तीफा मांग लिया गया. 100 करोड़ की सैलरी वाली नौकरी गंवाने के बाद भी इस युवा ने हार नहीं मानी. अब यह युवा उद्यमी एक नए स्टार्टअप पर काम कर रहा है.

हम बात कर रहे हैं ट्विटर के पूर्व सीईओ पराग अग्रवाल की, जिन्होंने 2022 में ट्विटर से सीईओ की पोस्ट से इस्तीफा दिया और अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े एक नए स्टार्टअप पर काम कर रहे हैं. खास बात है कि पराग अग्रवाल ने इसके लिए 250 करोड़ रुपये की फंडिंग भी जुटा ली है.

गंवानी पड़ी 100 करोड़ की नौकरी
साल 2022 में दुनिया के दिग्गज अरबपति कारोबारी एलन मस्क ने ट्विटर का अधिग्रहण (अब X) किया. इसके बाद हजारों कर्मचारियों को कॉस्ट कटिंग के नाम पर नौकरी से निकाल दिया. इनमें टॉप मैनेजमेंट के लोग भी शामिल रहे. उस वक्त पराग अग्रवाल सीईओ की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. एलन मस्क के इस कदम की काफी आलोचना हुई थी.

छंटनी के समय एलन मस्क ने पराग अग्रवाल समेत सभी वरिष्ठ अधिकारियों से मोटा हर्जाना देने का वादा किया था लेकिन बाद में मुकर गए. इसमें पराग अग्रवाल को सेवरेंज पैकेज के तौर पर 6 करोड़ डॉलर मिलने थे. अब पराग अग्रवाल समेत चारों अधिकारियों ने एलन मस्क के खिलाफ 12.8 करोड़ डॉलर के विच्छेद वेतन (सेवेरेंस सैलरी) न देने के आरोप लगाए हैं. इन सभी लोगों ने कोर्ट में एलन मस्क को चुनौती दी है.

नए AI स्टार्टअप की तैयारी में पराग अग्रवाल
आमतौर पर बड़ी सैलरी पैकेज वाली नौकरी गंवाने के बाद लोग नई जॉब के लिए भटकते हैं और लगातार कोशिशें करते रहते हैं. लेकिन, पराग अग्रवाल ने ऐसा नहीं किया बल्कि नए स्टार्टअप पर काम करना शुरू किया. विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पराग अग्रवाल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस बेस्ड स्टार्टअप पर काम कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने करीब 250 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटा ली है.

मूल रूप से अजमेर के रहने वाले पराग अग्रवाल के पिता भारतीय परमाणु ऊर्जा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी थे और उनकी माँ एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं. पराग अग्रवाल ने आईआईटी एग्जाम क्लियर करने के बाद 2005 में आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके बाद में वे स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी करने के लिए अमेरिका चले गए.

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