करेला : करेला अपने कड़वे स्वाद के लिए जाना जाता है, लेकिन ये औषधीय गुणों का भी खजाना है. यह डायबिटीज, लिवर की समस्याओं और पाचन संबंधी दिक्कतों को दूर करने में मदद करता है. मगर, हर चीज की तरह करेले के भी कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान. जी हां, कुछ लोगों के लिए करेला सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. आइए जानते हैं किन 5 स्थितियों में करेले के सेवन से बचना चाहिए.
गर्भवती महिलाएं
करेले में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो गर्भाशय के संकुचन को बढ़ा सकते हैं. इससे प्री-मैच्योर डिलीवरी या गर्भपात का खतरा हो सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को करेले का सेवन करने से बचना चाहिए.
स्तनपान कराने वाली महिलाएं
करेले में मौजूद कुछ तत्व स्तन के दूध में भी पहुंच सकते हैं. ये तत्व शिशु के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इसीलिए, स्तनपान कराने वाली माताओं को भी करेले के सेवन से परहेज करना चाहिए.
जिनको ब्लड शुगर लेवल कम है
करेले में एक खास गुण होता है कि ये खून में शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करता है. लेकिन, अगर आप पहले से ही डायबिटीज की दवाइयां खा रहे हैं या आपका ब्लड शुगर लेवल अक्सर कम रहता है, तो करेले का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज्यादा गिर सकता है.
ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजनेज (G6PD) की कमी
ये एक अनुवांशिक बीमारी है. इसमें शरीर की रेड ब्लड सेल्स कमजोर हो जाती हैं. करेले के बीजों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो G6PD की कमी से ग्रस्त लोगों में खून की कमी का कारण बन सकते हैं.
सर्जरी कराने वाले मरीज
करेले में खून का थक्का जमने की प्रक्रिया को धीमा करने वाले तत्व पाए जाते हैं. अगर आप किसी सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं या हाल ही में सर्जरी करवा चुके हैं, तो करेले का सेवन आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे खून का बहना ज्यादा हो सकता है.